पं0 दीनदयाल जी की जयंती पर पुष्प अर्पित करने के उपरांत भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 राजीव बिन्दल ने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय पर्वाचीन भारत के वो ऋषि हुए जिन्होनें भारत के प्रत्येक पहलू पर दर्शन लिखा। विगत दो शताब्दियों में तीन विचारक हुए जिन्होनें देश की दिशा कैसी होनी चाहिए, पर अपने-अपने दृष्टिकाण से विचार दिए। स्व0 राम मनोहर लोहिया और पं0 दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन में कुछ समानताएं होने के बावजूद दीनदयाल जी का चिंतन पूरी तरह भारतीय संस्कृति पर आधारित चिंतन है। दीनदयाल जी ने अंत्योदय यानि अंतिम पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति के विकास को सर्वाधिक बल दिया और पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी व देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दीनदयाल जी के अंत्योदय दर्शन को जमीन पर उतारने का काम किया जिसके परिणामस्वरूप 4 करोड़ गरीबों को पक्के घर, 11 करोड़ गरीबों को शौचालय, 13 करोड़ गरीबों के घरों में नल से स्वच्छ जल, घर-घर बिजली, 54 करोड़ गरीबों के जन-धन के खाते, 11 करोड़ गरीब किसानों के खातों में किसान-सम्मान निधि, 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन, 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रू0 तक का आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से मुफ्त ईलाज व विश्वकर्मा जैसी योजनाएं चलाकर अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को मजबूत करने का काम किया। परिणामस्वरूप 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने में कामयाबी मिली।
डाॅ0 बिन्दल ने कहा कि दीनदयाल जी का दर्शन रोटी, कपड़ा और मकान समानता का व्यवहार सबके प्रति सम्मान के साथ-साथ व्यक्ति का मानसिक, बौद्धिक विकास ये मूल मंत्र है।
दीनदयाल जी के दर्शन के अनुसार व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र ये एक दूसरे के पूरक हैं। जिस प्रकार व्यक्ति की आत्मा है, उसी प्रकार राष्ट्र की आत्मा है जिसे चित्ति के नाम से कहा गया और वह है भारत की सांस्कृतिक शक्ति। अतः भौतिक, बौद्धिक, शारीरिक, समाज विकास, राष्ट्र विकास और राष्ट्र का सांस्कृतिक विकास ये सब मिलकर विकसित भारत बनेगा।
डाॅ0 बिन्दल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दीनदयाल जी के दर्शन पर आधारित राष्ट्र के विकास हेतु समर्पित है। यही अंतर भाजपा को बाकि पार्टियों से अलग करता है। देश की बाकि सभी पार्टियां परिवारवाद, स्वार्थवाद, व्यक्तिवाद के रोग से ग्रसित हैं। वो चाहे कांग्रेस पार्टी हो, समाजवादी पार्टी हो, तृणमूल कांग्रेस हो, आरजेडी हो, डीएमके हो आदि सभी पार्टियां अपने परिवार के भविष्य को लेकर राजनीति कर रही है न कि समाज और देश हित में खड़ी है।