शिमला मस्जिद विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। आज विधानसभा सदन में भी यह मामला गुंजा।विधायक बलबीर ने आज सदन में यह उठाया और इसके जवाब में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने दो टूक कहा है यह धार्मिक स्थल का मामला नही वैध और अवैध का मामला है।बता दें मस्जिद विवाद को लेकर गत रविवार 1सितंबर को स्थानीय लोगों ने मस्जिद का घेराव कर वहां पर धरना भी दिया था।जिसके बाद माहौल को शांत करने के SP और DC को मौके पर पहुंचना पड़ा।यह मामला नगर निगम कोर्ट में लगा है जिसकी सुनवाई शनिवार 7 सितंबर को होगी।
इस मामले में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह किसी धार्मिक स्थल का मामला नहीं है। यह वैध और अवैध निर्माण का मामला है।2010 में इसका निर्माण शुरू हुआ ।यह पर पहले दुकान हुआ करती थी।इस मामले में कई बार नोटिस दिए गए।लेकिन यहां पर जो निर्माण हुआ वह 6750 स्क्वायर फुट तक पहुंच गया। यह जमीन हिमाचल प्रदेश सरकार की है।प्रदेश सरकार की जमीन पर कोई किस तरह निर्माण कर सकता है।सवाल यहां यह है कि इसका नक्शा किस तरह पास हो गया।इस मामले में नगर निगम शिमला की गलती है।आज सदन में भी यह मामला उठा है।मुख्यमंत्री से भी विभिन्न संगठनों के सदस्य मील हैं।मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है इसपर कार्यवाही होगी।मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि तहबाजारी नियमों को भी सख्ती से लागू किया जाए।हिमाचली बोनाफाइड को ही बैठने का लाइसेंस दिया जाए।अन्यथा बाहर से कौन त् रहा है यह कैसे पता चलेगा।कोई बांग्लादेशी रोहंगिया , पाकिस्तान या कोई आतंकवादी भी बे रोक टोक आ जाएगा।यह मस्जिद अवैध है इसको गिराया जाना चाहिए और जो अधिकारी व कर्मचारी इसमें संलिप्त है उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई होगी।