हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के सातवें दिन प्रदेश में उद्योगों के पलायन के मुद्दे पर सदन गरमा गया. पूर्व उद्योग मंत्री और भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने सदन में हिमाचल में उद्योगों के पलायन से जुड़ा सवाल उठाया. बिक्रम ठाकुर ने अपने सवाल में पूछा कि पिछले डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में कितने उद्योग हिमाचल के अंदर लगे. इसको लेकर सरकार की ओर से दिए गए जवाब में 5 हज़ार 293 उद्योग लगने का आंकड़ा सामने आया. अब इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है. उद्योग मंत्री ने सरकार पर सदन के अंदर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है.
पूर्व उद्योग मंत्री और भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी ओर से हिमाचल प्रदेश के उद्योगों से जुड़ा एक सवाल सदन में पूछा गया था. उन्होंने सरकार से पूछा था कि बीते डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश में कितने नए उद्योग लगे और कितने उद्योगों ने पलायन किया. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से जो जवाब सामने आया उससे उन्हें दुःख हुआ. इसमें कहा गया कि बीते डेढ़ सालों में हिमाचल प्रदेश में 5 हज़ार 293 उद्योग लगे हैं, जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि सदन के भीतर उन्होंने उद्योग मंत्री से इस आंकड़े को लेकर स्पष्टता मांगी. मगर उद्योग मंत्री की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. बिक्रम ठाकुर ने कहा की उद्योग मंत्री इन उद्योगों में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत शुरू हुई यूनिट को भी जोड़ रहे हैं. जबकि पिछले डेढ़ वर्षो से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना प्रदेश में लगभग बंद पड़ी है. सब्सिडी का पैसा सरकार नहीं दे पा रही है. इसके अलावा प्रदेश में पिछले दो वर्षों में सरकार की नीतियों के चलते लगातार उद्योगों का पलायन हुआ है. प्रदेश में उद्योग स्थापित करने का सबसे बड़ा आकर्षण केंद्र सस्ती बिजली दरें था. जिसे प्रदेश सरकार ने बढ़ा दिया इसके अलावा टैक्स भी बढ़ा दिए गए इसके चलते बड़ी संख्या में उद्योग हिमाचल से पलायन कर रहा है. ऐसे में सदन के भीतर झूठे आंकड़े पेश करके सरकार गुमराह करने का प्रयास कर रही है और यह बेहद निराशाजनक है. बिक्रम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश से उद्योगों के पलायन के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि बद्दी-बरोटीवाला-नालागड़ औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगपतियों को तंग किया जा रहा है. औद्योगिक क्षेत्र में कई गिरोह सक्रिय हो गए हैं स्थानीय विधायक और उनके परिवार के लोगों पर उंगलियां उठ रही है. ऐसे में उद्योगपति पूरी व्यवस्था से दुखी है और उद्योग प्रदेश से पलायन कर कर के जा रहे हैं