राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला ने आज सोलन जिले के निकट कैथलीघाट स्थित शिमला बाईपास टनल 1 पोर्टल 2 शुंगल, शिमला का दौरा किया। उन्होंने टनल निर्माण का निरीक्षण किया और परियोजना से संबंधित विस्तृत जानकारी ली।
28.5 किलोमीटर लम्बे फोर लेनिंग ऑफ शिमला बाईपास (पैकेज-1 और 2) में 10.6 किलोमीटर लम्बी कुल 10 टनलों का निर्माण किया जाएगा और इसमें बड़े ब्रिज व वायाडक्ट 27 होंगे। इस परियोजना पर कुल 4800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने आज बायपास के टनल 1 के बाएं टयूब का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के समापन के बाद, कैथलीघाट से ढल्ली तक की दूरी लगभग 15 किमी कम हो जाएगी और यात्रा का समय में लगभग 1 घंटे की बचत होगी। उन्होंने कहा कि इस टनल के निर्माण से एनएचएआई ने लगभग 5000 पेड़ो को काटने से बचाया है तथा पहाड़ी का कटाव भी बचा है। यह टनल पहाड़ी इलाके में सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि वाहनों के ईंधन में बचत होगी, जिससे वायु प्रदूषण एवं कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी तथा 10 टनलों पर लगभग 22500 पेड़ कटने से बचाए जायेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधीकरण के क्षेत्रीय अधिकारी श्री अब्दुल बासित ने राज्यपाल को शुगल टनल के बारे में अवगत करवाते हुए कहा कि दोनों फेज़ के टनल की कुल लम्बाई 1410 मीटर है और इस टनल के जनवरी 2025 तक पूरा होने की संभावना है, जिसपर लगभग 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि शिमला बाईपास के कैथलीघाट से ढल्ली तक 4 लेनिंग की परियोजना की कुल लागत 4800 करोड़ रुपये है। यह परियोजना मार्च 2027 तक पूरा होने की संभावना है।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह तथा भारतीय राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।