प्रदेश भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच ने किरतपुर – मनाली फोरलेन सड़क निर्माण कार्य की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की वकालत की है। भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के प्रदेश अध्यक्ष बीआर कौंडल
व जन समाधान केंद्र के सदस्य राज कमल और भूपेंद्र गुलेरिया की सयुंक्त टीम ने सुंदर नगर बाई पास नॉलखा का दौरा किया। उनके साथ सड़क निर्माण के जानकार भी थे। टीम ने स्थानीय लोगो से भी बातचीत की। मंच के अध्यक्ष बीआर कौंडल ने बताया कि
किरतपुर मनाली फोरलेन सड़क निर्माण में करोड़ों का नहीं, अरबों का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि सड़क का निरीक्षण करते समय पाया कि सड़क बनाते समय न तो निर्धारित माप दंडों का ख्याल रखा गया है और न ही निर्माण सामग्री ठीक मात्रा में लगाई गई है। उन्होने कहा कि सुंदरनगर बाई पास का उद्घाटन होने से ही पहली बरसात में सड़क का तारकोल पहले और बजरी उखड़ गई, दीवारें बैठ गई और पूल धंस गए। इन की लापरवाही से इस सड़क पर सैंकडों वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए और दर्जनों लोगों की जान गई। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरकार के अधीन काम के चलते कंपनी के अधिकारी राज्य सरकार की परवाह नहीं करते। इसलिए राज्य सरकार भी बिल्ली के आगे कबूतर जैसी आंख मूंद कर तमाशा देख रही है। उन्होंने कहा कि पुंघ से नौलखा सुंदरनगर बाई पास पूर्ण रूप से धंस चुका है। इस की दीवारें फट चुकी है।
निर्माण कार्य घटिया होने के कारण अब मुरम्मत कार्य भी नहीं टिक पा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी तरह बिलासपुर जिले में गोविंद सागर के उपर बना पुल बीच से फट चूका है। उस की आजकल मुरम्मत कार्य चल रहा है। इसी प्रकार पुंघ के पास भी पुल के धंसने की सूचना है। स्वारघाट क्षेत्र में एक टनल बैठ गई है। मंडी से मनाली तक तो सड़क निर्माण ने आधुनिक भारत की पोल खोल दी है।