हम आजाद हो चुके हैं लेकिन हमारी मानसिकता अभी भी गुलामी में जकड़ी हुई है यह कहना है वाय वी केयर संस्था के अध्यक्ष विपिन शर्मा का उन्होंने कहा कि हम सभी आजाद हैं लेकिन उसके बावजूद भी हम उन बेजुबानों को अपने घरों में बंदी बनाकर रखते हैं जो कुछ बोल नहीं सकते या अपनी इच्छाओं को किसी के सामने जाहिर नहीं कर सकते हैं उन्हें हम मारते हैं और उन्हें खा जाते हैं जो बेहद शर्मनाक है
वाय वी केयर संस्था के अध्यक्ष विपिन शर्मा ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि हम आजाद हो चुके हैं लेकिन हमारी सोच अभी भी गुलाम है और हम उन बेजुबानों को भी गुलाम बनाकर रखते हैं जो अपना दुख किसी के समक्ष जाहिर नहीं कर सकते हैं हम उनके ऊपर जुल्म करते हैं और फिर खुश होते हैं यह सोच सदियों पुरानी चली आ रही है जिसे आज तक बदला नहीं गया है वह चाहते हैं कि यह मानसिकता बदले और जो बेजुबान पशु हैं उनके ऊपर जो अत्याचार हो रहे हैं वह पूर्ण रूप से बंद हो। वह भी आज़ादी से जी सकें।