मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बुरी खबर आई है. तेजस नाम के नर चीते की मौत हो गई. तेजस के मौत के साथ ही मारे गए चीतों की संख्या 7 पहुंच गई है. कूनो नेशनल पार्क के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि तेजस की मौत आपसी लड़ाई की वजह से हुई है.
कूनो नेशनल पार्क में चीते की मौत
नामीबिया से भारत लाए गए चीतों में एक और चीते की मौत हो गई है. तेजस नाम का चीता सीनियर अधिकारियों को ज़ख़्मी हालत में मिला था. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि तेजस उन्हें ज़ख़्मी हालत में मिला है.
स्टेट चीफ़ वाइल्डलाइफ वॉर्डन जे एस चौहान ने इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि तेजस की मौत का असल कारण ऑटोप्सी के बाद ही पता चलेगा. The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार तेजस की ऑटोप्सी बुधवार को होने वाली है.
गर्दन पर मिले ज़ख्म के निशान
नर चीता तेजस (बोमा नंबर 6) की गर्दन पर मॉनिटरिंग टीम को चोट के निशान मिले. मॉनिटरिंग टीम ने वाइल्डलाइफ़ डॉक्टर्स को ये जानकारी दी है. पालपुर हेडक्वार्टर्स में वाइल्डलाइफ़ डॉक्टर्स की टीम है. वो घटनास्थल पर पहुंचे और तेजस की बॉडी की जांच की और कहा कि तेजस की गर्दन पर मिले ज़ख़्म के निशान सीरियस हैं.
डॉक्टर्स ने तेजस पर डार्ट का प्रयोग करने की इजाज़त ली. गौरतलब है कि दोपहर के 2 बजे के आस-पास जब डॉक्टर्स की टीम घटनास्थल तक पहुंची तेजस की मौत हो चुकी थी.
3 शावकों समेत अब तक 7 चीतों की मौत हो चुकी है.
अफ़्रीका से भारत लाए गए थे चीते
1952 में भारत में चीतों की आबादी खत्म हो गई थी. प्रोजेक्ट चीता के तहत सितंबर 2022 में नामीबिया से 8 चीते और फरवरी 2023 में दक्षिण अफ़्रीका से 12 चीते भारत लाए गए. पिछले 2 महीने में तीन चीतों की मौत हो चुकी है. मार्च 2023 में तीन चीता शावक पैदा हुए लेकिन मई में उनकी भी मौत हो गई.