डॉक्टर गौरव की ट्रांसफर को लेकर बवाल, मरीजों और स्थानीय लोगों ने सरकार से की ट्रांसफर रोकने की अपील

Ruckus over transfer of Dr. Gaurav, patients and local people appealed to the government to stop the transfer.

सिविल अस्पताल देहरा में जैसे ही डॉ गौरव की ट्रांसफर देहरा से सोलन के आदेश पहुंचे वैसे ही स्थानीय लोगों व अपना ईलाज करवाने आए मरीजों ने डॉक्टर गौरव की कुर्सी खाली देख हंगामा शुरू कर दिया। मरीजों ने कहा कि हम डॉक्टर गौरव को देहरा से कहीं जाने नहीं देंगे। सुक्खू सरकार तुरंत अपने आदेश देहरा हित में वापिस ले।

वहीं डॉक्टर गौरव ने मिडिया में सामने आकर कहा है कि उनकी ट्रांसफर एक रूटीन ट्रांसफर है। हमें सरकार के आदेशों का पालन करना होता है। जहां तक मरीजों ने उनके पक्ष में प्रदर्शन किया था। इसकी उन्हें भी जानकारी नहीं थी। डॉक्टर गौरव ने कहा कि उन्होंने हमेशा ही ईमानदारी से अपनी सेवाएं दी हैं। इसलिए हो सकता है कि लोगों के दिल में उनके लिए प्यार हो। वहीं उन्होंने कहा कि देहरा में एमएलए कमलेश ठाकुर पर हमें पूरा विश्वास है।

देहरा सिविल अस्पताल में रोजाना 600 की ओपीडी है। जिसमें से लगभग 300 ओपीडी डॉ गौरव व उनकी पत्नी डॉ हरमन जीत कौर के पास है। लोगों का सिविल अस्पताल देहरा के प्रति विश्वास है इसलिए यहां रोजाना 600 ओपीडी होती है। डॉ गौरव व उनकी पत्नी की खासियत यह भी है कि वह छुट्टी होने पर घर नहीं जाते। तब तक मरीजों को देखते हैं जब तक लाइने खत्म नहीं हो जाती। वहीं इमरजेंसी में भी जब जरूरत पड़े दोनों पति पत्नी डॉक्टर तैयार रहते हैं। बीते साल भी एक वीडियो सामने आई थी जिसमें डॉ हरमनजीत कौर आधी रात को भरी बरसात में अकेले अपनी गाड़ी लेकर आई और 108 एंबुलेंस में रैफर की गई प्रसूता महिला की सफल डिलीवरी करवाई थी।