सावन की शिवरात्रि में कुम्हारहट्टी पट्टे के मोड़ पर स्थित भगवान शिव के प्राचीन मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। सभी लोग यहाँ आ कर प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर अपनी मंगल भविष्य की कामना करते नज़र आए। यहाँ के लोगों का मानना है कि इस प्राचीन मंदिर में जब शिवलिंग पिंडी के रूप में यहाँ प्रकट हुआ था तो ठीक शिवलिंग के ऊपर दूध की धारा निकलती थी। इस लिए भक्त इस शिवलिंग को सकाशात शिव मानते है।यही वजह है कि जब भी लोग चंडीगढ़ या शिमला जाते है तो यहाँ रुक कर भगवान शिव का आशीर्वाद अवश्य लेते है।
आज यहाँ आए भक्तों राजेश और मंजू और मंदिर के पुजारी ने बताया कि भगवान शिव यहाँ स्वयं प्रकट हुए थे उनकी पिंडी यहाँ विराजमान है। और वह कई वर्षों से यहाँ भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए आते है। उन्होंने कहा कि जो भी आज तक भगवान शिव से माँगा है वह अवश्य पूरा करते है। वहीँ पहली बार दिल्ली से माथा देकने आई महिला ने कहा कि वह जब भी यहाँ से गुजरती थी तो उनकी इच्छा थी कि वह भगवान शिव के दर्शन करें और आज उनकी यह इच्छा शिवरात्रि के दिन पूरी हुई है