योगदा सत्संग सोसाइटी (वाईएसएस) ने हाल ही में शूलिनी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय आध्यात्मिक शिविर का आयोजन किया, जिसका समापन एक पवित्र क्रिया दीक्षा समारोह के साथ हुआ, और लगभग 200 भक्तों ने भाग लिया।
शिविर का नेतृत्व स्वामी कृष्णानंद गिरि, स्वामी आलोकानंद गिरि और ब्रह्मचारी हरिप्रियानंद ने किया, जिससे उपस्थित लोग तरोताजा और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध महसूस कर रहे थे।
स्वामी कृष्णानंद गिरि ने अंतिम दिन प्रार्थना और ध्यान का नेतृत्व किया, जिससे एक पवित्र और उत्साहवर्धक वातावरण बना। आध्यात्मिक स्पंदनों से ओतप्रोत इस शिविर में भजन और प्रार्थनाएं हुईं जो पूरे परिसर में गूंजती रहीं। क्रिया योग में दीक्षित भक्तों ने परिवर्तनकारी अनुभव के लिए गहरा आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम ने “ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी” के लेखक और वाईएसएस के संस्थापक परमहंस योगानंद की शिक्षाओं से प्रेरणा ली गयी । प्रतिभागियों ने शूलिनी विश्वविद्यालय के शांत वातावरण और प्रदान की गई उत्कृष्ट सुविधाओं की प्रशंसा की।
वाईएसएस के एक भक्त और लंबे समय से सहयोगी, चांसलर प्रोफेसर पीके खोसला ने इस अवसर पर कहा, “भक्तों के समर्पण और आध्यात्मिक प्रतिबद्धता को देखकर खुशी होती है। परमहंस योगानंद की शिक्षाएं हम सभी को प्रेरित करती रहती हैं, और यह शूलिनी विश्वविद्यालय में इस तरह के पवित्र कार्यक्रम की मेजबानी करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
आध्यात्मिक शिविर उत्साहवर्धक वातावरण पर संपन्न हुआ, जिसमें उपस्थित लोग आध्यात्मिक रूप से उत्थान महसूस कर रहे थे और स्वामी कृष्णानंद गिरि और अन्य मठवासियों के मार्गदर्शन के लिए आभारी थे।