आज के आधुनिक दौर में जहां मोबाईल आम इंसान से लेकर मिलिनियर तक की सबसे बड़ी ज़रूरत है। मोबाइल पर ही देश का व्यापार टिका है। लेकिन यही मोबाईल स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक भी साबित हो रहा है। मोबाइल का असर न केवल युवाओं पर बल्कि बच्चों पर भी पड़ रहा है। यह दावा सोलन के स्पोर्ट्स फिज़ियोथेरेपिस्ट डॉक्टर कुशल तिवारी ने किया है। उन्होंने बताया कि आज के दौर में सर्वाइकिल बीमारी से हर दसवां व्यक्ति प्रभावित है। शोध में पता चला है कि मुख्य कारणों में से एक सबसे बड़ा कारण मोबाइल है। जिसकी वजह से हमारी गर्दन हमेशा झुकी रहती है। ज़्यादा झुकने की वजह से गले और रीढ़ की हड्डी में झुकाव आ जाता है। जो सर्वाइकल का कारण बनता है।
स्पोर्ट्स फिज़ियोथेरेपिस्ट डॉक्टर कुशल तिवारी ने बताया कि 12 वर्ष से 45 वर्ष की उम्र के लोगों में स्पोंडलाइट्स की बिमारी से अधिक देखी जा रही है। जिसका मुख्य कारण है कि वह दिन में बहुत अधिक मोबाइल का उपयोग करते है। जिसमें वह गर्दन को हमेशा आगे झुका कर रखते है। जिसकी वजह वह स्पोंडलाइट्स की बिमारी से प्रभावित हो जाते है। उन्होंने बताया कि शुरूआती दौर पर इस बीमारी में गर्दन में जकड़न और दर्द होता है। उसके बाद गर्दन दर्द के साथ साथ सरदर्द भी आरम्भ हो जाता है। तीसरी स्टेज पर सर और गर्दन दर्द के साथ साथ हाथों में चीटियां काटने लग जाती है। उन्होंने बताया कि अगर तीसरी स्टेज आरम्भ हो जाती है तो तुरंत स्पोर्ट्स फिज़ियोथेरेपिस्ट की सलाह लेनी चाहिए। क्योकि अगर समय रहते इस पर नियंत्रण पा लिया जाए तो बेहतर है अन्यथा यह और अधिक समस्याएं उत्तपन करता है।