अपनी बैकलॉग भर्तियों को भरने की मांग को लेकर दृष्टिबाधित संघ से जुड़े लोग एक बार फिर राज्य सचिवालय का घेराव करने के लिए पहुंच गए. राज्य सचिवालय पहुंचने से पहले ही शिमला पुलिस ने दृष्टिबाधित और दृष्टिहीनों को राज्य सचिवालय आने से रोक दिया. इस दौरान ब्लाइंड पर्सन एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने ट्रैफिक को बाधित करने की भी कोशिश की. पुलिस के साथ उनकी हल्की धक्का मुक्की भी हुई. दृष्टिबाधित और दृष्टिहीनों ने शिमला पुलिस पर तानाशाही करने का आरोप लगाया.
ब्लाइंड पर्सन एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि वह सभी लंबे वक्त से बैकलॉग भर्ती होने का इंतजार कर रहे हैं. साल 1995 के बाद से लेकर अब तक भर्ती नहीं हुई है. ब्लाइंड पर्सन एसोसिएशन को धरना देते हुए 274 दिन का वक्त बीत गया है. चुनाव आचारसंहिता से पहले भी वह शिमला के मालरोड पर बने रेन शेल्टर में 100 दिनों से भी ज्यादा तक क्रमिक अनशन पर बैठे रहे. तब भी सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे मिलने के लिए नहीं आया. अब एक बार फिर मांग उठा रहे हैं कि जल्द से जल्द दृष्टिबाधित और दृष्टिहीनों की बैकलॉग भर्ती को पूरा कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि हर भर्ती में दिव्यांगों का 4 फ़ीसदी कोटा होता है, लेकिन सरकार लंबे वक्त से इन पदों पर भर्ती नहीं कर रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में दिव्यांग कोटे में नौकरी की मांग कर रहे लोगों की संख्या करीब 800 है. राजेश ठाकुर ने कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो वह 1 अगस्त से एक बार फिर क्रमिक अनशन पर बैठ जाएंगे.