सोलन में शूलिनी विश्वविद्यालय परिसर आध्यात्मिक गतिविधि का केंद्र बनने के लिए तैयार है, इस सप्ताह शुक्रवार से योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया (वाईएसएस) शुक्रवार, 26 जुलाई से रविवार, 28 जुलाई तक तीन दिवसीय आध्यात्मिक वापसी का आयोजन कर रहा है। आध्यात्मिक गतिविधियां स्वामी कृष्णानंद गिरि और स्वामी आलोकानंद गिरि और हरिप्रियानंद द्वारा संचालित किया जायगी ।
इस आयोजन में परमहंस योगानंद की आत्मा-मुक्ति शिक्षाओं में गहराई से जानने का अवसर मिलेग। इस आयोजन में पूरे भारत से लगभग 350 भक्त भाग लेंगे। इसके अलावा भिक्षुओं द्वारा आध्यात्मिक प्रवचन, वाईएसएस योग तकनीकों की समीक्षा, समूह ध्यान, जप सत्र और क्रिया योग दीक्षा शामिल होगी।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण क्रिया योग दीक्षा होगी, जो एक पवित्र और परिवर्तनकारी अभ्यास है जो वाईएसएस के वंश से चला आ रहा है। यह दीक्षा प्रतिभागियों को ध्यान की एक गहन विधि प्रदान करती है जिससे गहरे आध्यात्मिक अनुभव और व्यक्तिगत परिवर्तन हो सकते हैं।
वाईएसएस की स्थापना 1917 में श्री श्री परमहंस योगानंद द्वारा की गई थी। उन्हें ‘पश्चिम में योग का जनक’ माना जाता है क्योंकि उन्होंने वहां पवित्र क्रिया योग, राज योग का एक रूप पेश किया था। वह विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक क्लासिक ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ के लेखक हैं। 1946 में पहली बार प्रकाशित इस पुस्तक की लाखों प्रतियां बिक चुकी हैं और दुनिया भर में 50 से अधिक भाषाओं और भारत में 15 भाषाओं में इसका अनुवाद और प्रकाशन किया गया है। उनके द्वारा स्थापित विश्वव्यापी संगठन, ‘सेल्फ-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप’ या एसआरएफ के दुनिया भर में 800 से अधिक केंद्र, मंदिर और रिट्रीट हैं और वाईएसएस के केंद्र पूरे भारत में हैं।