OTT प्लेटफॉर्म (माने अपना Netflix, Amazon वगेरह) के जमाने में पुरानी फिल्मों का जिक्र आपको हैरान कर सकता है. निश्चित रूप से आप नई फिल्में और वेब-शो देखना चाहते होंगे, लेकिन बीते 2-3 दशकों में हिंदी सिनेमा में कई ऐसी फिल्में बनी हैं, जो कल्ट मानी जाती हैं. उनमें से ही हम कुछ बेस्ट रोमांटिक फिल्मों की लिस्ट आपके लिए लेकर आए हैं:
1. आशिकी, 1990
इस फिल्म की कहानी ने अपने नाम पर खरी उतरी. 1990 में रिलीज हुई यह एक रोमांस ड्रामा फिल्म है. यह इकलौती फिल्म है, जिसके लिए लोग एक्टर राहुल रॉय को याद किया जाता है. अनु अग्रवाल के साथ उनकी कैमिस्ट्री को लोगों ने खूब पसंद किया था. फिल्म में राहुल (राहुल रॉय) के पिता उनकी मां के होते हुए दूसरी शादी करते हैं, जिससे नाराज होकर राहुल शादी स्थल पर तोड़-फोड़ करते हैं.
परिणाम स्वरूप उन्हें पुलिस जेल में डाल देती है. इस बीच अनु (अनु अग्रवाल) अपने हॉस्टल से भागती है, और पुलिस उसे पकड़कर पुलिस स्टेशन ले आती है. यही से शुरू होती है दोनों की प्रेम कहानी. इस फिल्म के गाने इसकी असली यूएसपी हैं. ‘जाने जिगर जानेमन…’, ‘मैं दुनिया भुला दूंगा…’, ‘तू मेरी जिंदगी है…’, ‘बस एक सनम चाहिए…’ जैसे गानों से कुमार सानु ने दिल जीत लिया.
2. साजन, 1991
यह फिल्म लव ट्राएंगल पर आधारित है, फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है कि दो दोस्त होते हैं. आकाश वर्मा (सलमान खान) और अमन (संजय दत्त). अमन गरीब विकलांग होता है, जिसे आकाश का परिवार पालता-पोषता है. अमन को लिखने का शौक होता है, जो उसे सागर के रूप में मशहूर कर देता है.
इस सागर से पूजा सक्सेना यानी माधुरी दीक्षित चिट्टियों के ज़रिए संपर्क में होती हैं. इसी बीच उनके जीवन में आकाश वर्मा की एंट्री होती है, जो उन्हें दिल दे बैठता है. आगे अपने दोस्त अमन के लिए आकाश अपना प्यार कुर्बान कर देता है. इस फिल्म की कहानी से ज्यादा इसके गाने मशहूर हुए. फिर चाहे वो ‘जीये तो जीये कैसे…’ हो या फिर, ‘मेरा दिल भी कितना पागल है…’ हो. इसका निर्देशन लॉरेंस डिसूजा ने किया है.
3. सड़क, 1991
महेश भट्ट के निर्देशन में बनी यह फिल्म संजय दत्त ने करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक मानी जाती है. फिल्म में संजय दत्त टैक्सी चालक रवि की भूमिका में हैं, जिन्हें एक वैश्या (पूजा भट्ट) से प्यार करता है. वो किसी भी कीमत पर उसे अपनी पत्नी बना लेना चाहता. मगर यह आसान नहीं होता
खैर, वो ठान चुका होता है कि पूजा को किसी भी तरह से वो वेश्यालय से आजाद करा कर रहेगा. साजन फिल्म की तरह इस फिल्म के भी गाने खूब हिट हुए. तुम्हें अपना बनाने की…हम तेरे बिन कहीं रह…जब जब प्यार पे पेहरा…और मोहब्बत की है…जैसे गाने लोग आज भी सुनना पसंद करते हैं.
4. हम आपके हैं कौन, 1994
यह फिल्म प्रेम (सलमान) और निशा (माधुरी दीक्षित) की प्रेम कहानी पर आधारित है. दोनों प्रेम के बड़े भाई राजेश (मोहनीश बहल) और निशा की दीदी, पूजा (रेणुका शहाणे) की शादी में मिलते है. दोनों शुरुआत में झगड़ते रहते हैं. फिर एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं. बात शादी तक पहुंच जाती है.
तभी निशा की दीदी का निधन हो जाता है, और संयोग ऐसे बन जाते हैं कि निशा को प्रेम के बड़े भाई से शादी के लिए कहा जाता है. अंतत: निशा अपनी भावनाओं की बलि देते हुए इस रिश्ते के लिए तैयार हो जाती है. आगे राजेश को प्रेम और निशा के रिश्ते के बारे में पता चल जाता है और वो उनकी शादी करा देता है. इस फिल्म के निर्देशक सूरज बड़जात्या हैं, जोकि उनकी सुपरहिट फिल्मों में से एक है.
5. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, 1995
डीडीएलजे के नाम से मशहूर इस फिल्म में शाहरुख, काजोल, अमरीश पुरी, अनुपम खेर, मंदिरा बेदी, और करण जौहर जैसे कलाकारों ने काम किया. यह फिल्म कितनी बड़ी हिट रही इसको इसी से समझा जा सकता है कि यह सैकड़ों हफ्ते तक सिनमेघरों से नहीं उतरी. यह फिल्म शाहरुख़ ख़ान (राज मलहोत्रा) काजोल देवगन (सिमरन सिंह) की प्रेम कहानी के इर्द-गिर्द घूमती रहती है.
‘बड़े बड़े देशों में ऐसी छोटी छोटी बातें..’, ‘अगर ये तुझे प्यार करती है तो पलट कर देखेगी..पलट’ और ‘जा सिमरन जा.. जी ले अपनी जिंदगी’. इस फिल्म के ये कुछ ऐसे डायलॉग हैं, जो लोगों के अंदर बस से गए हैं. वहीं इसके टाइटल सांग ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ का क्या कहना. मूड बन जाता है इसे सुनकर.
6. मोहब्बतें, 2000
यह अलग तरह की फिल्म हैं. जिसमें एक नहीं बल्कि चार-चार प्रेम कहानियां है. पहली राज आर्यन (शाहरुख खान) और मेघा (ऐश्वर्या राय) की. दूसरी, समीर (जुगल हंसराज)-संजना (किम शर्मा) की, तीसरी, विकी (उदय चोपड़ा)-इशिका (शमिता शेट्टी) और चौथी, करण (जिमी शेरगिल) किरन (प्रीति झंगियानी) की.
इस सबके सामने विश्वविद्यालय, गुरुकुल के सख्त हेडमास्टर नारायण शंकर (अमिताभ बच्चन) एक बड़ी चुनौती होते हैं. दरअसल, वो अपने छात्रों को किसी भी तरह के प्रेम-प्रसंग से मना करते दिया है. उनके नियम को तोड़ने वाले को गुरुकुल से निष्कासित कर दिया जाता है. शाहरुख खान इसके सबसे बड़े उदाहरण होते हैं, जो उनकी ही बेटी से प्यार कर बैठते हैं. इसका निर्देशन आदित्य चोपड़ा ने किया है.
7. रहना है तेरे दिल में, 2001
इस फिल्म में माधवन बने हैं मैडी, जोकि अपने कॉलेज का बैड बॉय होता है. पढ़ाई-लिखाई से उसका दूर-दूर तक नाता नहीं होता. वहीं उसका कट्टर प्रतिद्वंद्वी सैम (सैफ अली खान), एक गुड स्टूडेंट है. दोनों अक्सर भिंडते रहते हैं. खैर, कॉलेज खत्म होता है और दोनों अपने-अपने रास्ते निकल पड़ते हैं. इसी बीच मैडी एक लड़की को भारी बारिश में भीगते हुए देखता है और उसको दिल बैठता है.
आगे वो इस लड़की रीना यानी दीया मिर्जा से उसका मंगेतर राजीव बनकर मिलता है और रिझाने की कोशिश करता है. इस फिल्म का निर्देशन गौतम मेनन ने किया है. यह लोकप्रिय तमिल फिल्म मिन्नेल की रीमेक बताई जाती है. भले ही यह रिलीज के समय अधिक सफल नहीं रही, लेकिन लोकप्रियता में एक नंबर रही.
8. देवदास (2002)
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी यह फिल्म शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित है. फिल्म में देवदास (शाहरुख खान) 10 साल की पढ़ाई के बाद इंग्लैंड से भारत लौटता है और अपनी दोस्त पारो (ऐश्वर्या राय) से प्यार कर बैठता है. दोनों एक-दूसरे को जूनून की हद तक प्यार करते हैं. मगर देवदास के परिवार को ये रिश्ता मंजूर नहीं होता.
वो पारों की मां के साथ बुरा व्यवहार करते हैं. जिससे दुखी होकर वो पारों की शादी देवदास से भी बड़े घराने में कर देती हैं. इधर देवदास, पारो से अलग नहीं हो पाता. गम में डूबने के बाद वो शराब का लती हो जाता है. अंत में वो पारों के ससुराल के बाहर दम तोड़ देता है. इस फिल्म में चुन्नी बाबू (जैकी श्रॉफ) और चन्द्रमुखी (माधुरी दीक्षित) ने भी बढ़िया काम किया है.
9. विवाह, 2006
विवाह कहानी है पूनम(अमृता राव) और प्रेम (शाहिद कपूर) की. पूनम एक मध्यवर्गीय परिवार की लड़की है, जिसे मां-बाप के निधन के बाद उसके चाचा (आलोक नाथ) बड़ा करते हैं. वहीं प्रेम दिल्ली के एक बड़े बिजनेसमैन का बेटा होता है, मगर वह अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ होता है. यही कारण है कि वह पूनम की सादगी को पसंद करता है.
दोनों की शादी होने ही वाली होती है कि पूनम एक हादसे का शिकार हो जाती है, और उसका शरीर पूरी तरह से जल जाता है. बावजूद इसके प्रेम उससे शादी कर एक मिसाल पेश करता है. अच्छी बात यह कि उनका परिवार भी उनके इस फैसले में साथ खड़ा होता है और समाज को संदेश देता है कि मुसीबत में साथ खड़ा रहना कितना सही होता है.
10. द लंचबॉक्स, 2013
‘द लंच बॉक्स’ एक अद्भुत फिल्म है. इस फ़िल्म में इरफ़ान ने एक 55-60 साल के एक क्लर्क Sajan Fernandes का रोल किया है, जिसका खाने का डिब्बा किसी दूसरी महिला इला के पति के डिब्बे से बदल जाता है. साजन को खाना इतना अच्छा लगता है कि वो थैक्यू की एक चिट्ठी उस डिब्बे में छोड़ देता है.
इसके बाद शुरू होता है चिट्ठियों का आदान-प्रदान, जोकि दोनों के बीच एक प्रेम कहानी को जन्म देता है. इस फ़िल्म को भारत के बाहर भी सराहा गया था.
11. फोटोग्राफ, 2019
यह फिल्म बताती है कि फोटो के जरिए कैसे रिश्ते जोड़े जा सकते हैं. दिखने में यह एकदम प्लेन फिल्म है, लेकिन इसके किरदारों का अभिनय देखने लायक है. नवाजुद्दीन सिद्दकी रफी की भूमिका में गेटवे ऑफ इंडिया पर लोगों की पैसे लेकर फोटो खींचता है. तभी उनकी मुलाकात मिलोनी यानी सान्या से होती है.
रफी की दादी उसकी फोटो देखती है उसे बहू बनाने की जिद करने लगती है. शादी का खुश करने के लिए रफी दादी से एक झूठ बोलता है और फंस जाता है. हालांकि, बाद में रफी और मिलोनी सचमुच एक-दूसरे से प्यार हो जाता है, और दादी को उसकी पसंद की बहू मिल जाती है.इसका निर्देशन रितेश बत्रा ने किया है.
इनके अलावा मैंने प्यार किया (1989), दिल तो पागल है (1997) कुछ-कुछ होता है (1998), हम दिल दे चुके सनम (1999), कहो ना प्यार है (2000), कल हो ना हो (2003), जब वी मेट (2007), वीर जारा (2004), बैंड बाजा बारात (2010), ये जवानी है दीवानी (2013), आशिकी-2 (2013), टू स्टेट्स (2014) जैसी कई अन्य सुपरहिट फिल्मों कों इस लिस्ट में जोड़ा जा सकता है.