मज़दूर संगठन सीटू के राज्यव्यापी विरोध दिवस पर सैंकड़ो मज़दूरों ज़िला मुख्यालय चंबा में प्रदर्शन किया।

Hundreds of workers demonstrated at the district headquarters Chamba on the statewide protest day of labor organization CITU.

मज़दूर संगठन सीटू के राज्यव्यापी विरोध दिवस पर चंबा में आंगनवाड़ी, मिड डे मील, रेहड़ी फहड़ी, फोरलेन, निर्माण एवं मनरेगा तथा एचपीएमआरए यूनियनों से जुड़े सैंकड़ो मज़दूरों ज़िला मुख्यालय चंबा में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के उपरांत डीसी के माध्य्म से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे ज्ञापन में मांग की गई है कि केंद्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को रद्द करके बनाई चार श्रम सहिंताओं को ख़त्म किया जाए और श्रम कानूनों को बहाल किया जाए। सीटू की जिला महासचिव सुदेश ठाकुर ने कहा कि ये श्रम कोड पूर्व भाजपा सरकार के समय ही बना दिये गए थे लेकिन लागू नहीं हुए थे और अब फ़िर से सत्ता में मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार ने इन्हें सौ दिनों में लागू करने का टारगेट तय किया है।जिसके विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके अलावा मज़दूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार मासिक करने की भी मांग की जा रही है।आज के सामूहिक प्रदर्शन के बाद आंगनवाड़ी यूनियन ने मांग की है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के तहत ग्रुअचटी दी जाए नर्सरी टीचरों की भर्ती रेगुलर आधार पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में से ही कि जाए और उन्हें इसके लिए एनटीटी प्रमाण पत्र में छूट दी जाए, सभी मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण केंद्र का दर्जा दिया जाए,35 वर्ष से अधिक उम्र और पांच साल पूरा कर चुकी हैल्परों को वर्कर बनाया जाए हरियाणा की तर्ज़ मानदेय और पेंशन दी जाये। यदि इस बारे मांग न मानी गई तो यूनियन 28 जुलाई को सम्मेलन आयोजित करके आंदोलन की अगली रूपरेखा तैयार करेगी।