छोटी काशी मंडी में पहली बार श्रीरामार्चन महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह बात महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने मंडी में आयोजित प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि सीताराम महायज्ञ में पहली बार श्री रामार्चन कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें देशभर के आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, संत महंत दर्शन देने आएंगे। राम कथा मानस पीठाधीश्वर जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामलल्ला जी महाराज मानस पीठ खजूरी ताल मध्य प्रदेश व मुख्यातिथि आचार्य महामंडलेश्वर निर्वाण पीठाधीश्वर राजगुरू श्री श्री 1008 स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज होंगे। उन्होंने कहा कि यज्ञ स्थल को 12 ब्लॉक में बांटा गया है, जिसमें गौशाला, जिसमें देशी गाय के दर्शन और पूजन होगा। वेद उपनिषिद व पुराण की कुटिया, अखंड नाम संकीर्तन कुटिया, अखंड धूना, यज्ञशाला, कथा पंडाल व भोजन शाला होगी। किसी भी भक्त को कोई परेशानी न हो इसके लिए सौ वाटंलियर दिन रात सेवाएं देते रहेंगे।
गौर हो कि श्रीराम नाम के इस महाअनुष्ठान यज्ञ के लिए चार करोड़ नाम लेखन किया जा रहा है। महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने 98 लाख के करीब विभिन्न देव अवतारों के चित्र श्री रामनाम से उकेरे है। इसके साथ ही विभिन्न भक्तों द्वारा भी करोड़ों का नाम लेखन किया जा रहा है। बता दें कि इस श्रीराम लेखन को संत आज्ञा से आयोध्या में या श्रीनाम बैंक की स्थापना कर स्थापित किया जाएगा। महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि इस यज्ञ के लिए विभिन्न क्षेत्रों सहित मंडी की सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को विशेष निमंत्रण दिया जाएगा। यह यज्ञ 6 से 14 नवंबर को मंडी के छोटा पड्डल मैदान में आयोजित करवाया जाएगा।
महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि कलयुग केवल नाम अधारा और धारा अधारा सुमिरि सुमिरि नर उतरिहिं पारा अर्थात आनंद रामायण में कहा है कि राम नाम जप की अपेक्षा 100 गुना अधिक पुण्य राम नाम लिखने से मिलता है। श्रीराम नाम लेखन जब लाल स्याही से लिखते हैं तो हनुमानजी प्रसन्न होते हैं, भक्त प्रसन्न होते हैं तो भगवान स्वत: ही प्रसन्न हो जाते हैं।