खिलाड़ियों को भविष्य में क्या चोट लग सकती है इसका फिजियोथैरेपी में पहले ही अनुमान लग जाता है। यह दावा फीफा के फिज़ियो थैरेपिस्ट डॉक्टर कुशल तिवारी ने किया। उन्होंने कहा कि अंतरास्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी जो फिजियोथेरेपी से जुड़े है। उन्हें वह पहले ही बता देते है कि उन्हें आने वाले समय में किस तरह की अंदरूनी चोट लग सकती है। जो उनके खेल पर और उनके प्रदर्शन पर असर डाल सकती है। जिसके आधार पर वह खिलाडियों को खेलने से पहले टीम के कोच और अधिकारियों को अवगत भी करवाते है। ताकि टीम का प्रदर्शन अच्छा हो सके। उन्होंने कहा कि फिज़ियोथैरेपी के माध्यम से खिलाड़ी अपनी खेल प्रतिभा को कई गुणा तक बढ़ा सकते है क्योंकि फ़ज़ियोथैरेपी उन्हें अंदर से मजबूत बनाती है।
फीफा के फिज़ियो थैरेपिस्ट डॉक्टर कुशल तिवारी ने बताया कि अंतरास्ट्रीय के खिलाड़ियों के ऊपर पूरी तरह से फिज़ियोथैरेपिस्ट नज़र रखता है। उनके खान पान से लेकर उनके रहन सहन को पूरी तरह से मॉनिटर किया जाता है। उसके आधार पर यह अनुमान लगाया जाता है कि खिलाड़ी को भविष्य में अंदरूनी चोट क्या लग सकती है। वह खेलने लायक है या नहीं। अगर वह खेलते हैं तो वह अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे या नहीं। इस लिए प्रत्येक खिलाडी को फिज़ियोथेरेपिस्ट की आवश्यक है जो खेल जगत में नाम कमाना चाहते है।