र्तमान प्रदेश सरकार वन सरंक्षण अधिनियम को जनजातीय जिलों में तत्काल प्रभाव से लागू करेगी। यह बात आज राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने जनजातीय जिला किन्नौर के पूह विकास खंड की ग्राम पंचायत रारंग में आयोजित 05 दिवसीय राज्य स्तरीय गुरु संज्ञास मेले के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।
राजस्व मंत्री ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम 2006 को प्रदेश के जनजातीय जिलों में तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा ताकि लघु एवम उपेक्षित वर्गों को लाभ मिल सके और इस संदर्भ में स्थानीय पंचायतों को अधिकार प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी एवं कर्मचारी समयबद्ध सीमा में कार्य नहीं करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी और सभी वर्गों के हितों की रक्षा की जाएगी।
राजस्व मंत्री ने इस अवसर पर जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में मेलों का सांस्कृतिक महत्व है और विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने में पारम्परिक मेले अत्यंत महत्व रखते हैं। मेले एवं त्यौहार हमारी समृद्ध संस्कृति के परिचायक होने के साथ-साथ आपसी मेल-जोल बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। गुरू पद्म सम्भव को समर्पित रारंग मेला इसका अप्रतिम उद्धारण है। हम सभी का भी यह दायित्व बनता है कि इनके संरक्षण के लिए आगे आएं ताकि युवा पीढ़ी हमारी समृद्ध संस्कृति से परिचित रह कर इसे संवर्धित रख सके।
उन्होंने कहा कि मेले किसी भी प्रदेश या क्षेत्र में बसने वाले लोगों की धर्म, आस्था, रीति रिवाज़ और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व रखते हैं। इसी के मद्देनजर किन्नौर जिला की समृद्ध संस्कृति व रीती रिवाज के संरक्षण के लिए इस प्रकार के मेले व त्यौहार का महत्व तो कई अधिक गुना बढ़ जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण मेले व त्यौहारों की महत्ता अधिक होती है क्योंकि इनके माध्यम से लोग मनोरंजन के साथ-साथ आपसी मेल-जोल को भी बरकरार रखते हैं।
राजस्व मंत्री ने इस अवसर पर रारंग में म्यूज़ियम के निर्माण तथा प्रवचन कक्ष के निर्माण के लिए 10-10 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने रारंग गांव में जनरेटर खरीदने के लिए गांव को 03 लाख रुपए की राशि देने की भी घोषणा की।