सोलन के जंगल जो कुछ दिन पहले हरे भरे दिखते थे । जिन्हें देखने और निहारने के लिए लोग दूर दूर से हिमाचल आते थे। इन सुंदर जंगलों, जिनसे ठंडी हवाएं चला करती थी । वह जंगल आज आग से धधक रहे हैं। ठंडी हवाएं काले धुंए में ,तब्दील हो चुकी है। हज़ारों हैक्टेयर जंगल ,मनुष्य के लोभ के कारण आग की भेंट, चढ रहे है। वन विभाग के अधिकारी जंगलों में , लग रही आग से बेहद परेशान है। उनकी विभिन्न टीमें अधिकारियों समेत ,आग को नियंत्रण करने के लिए दिन रात ,खून पसीना एक कर रहे हैं। वह जंगलों को बचाने के लिए ,अपनी जान भी हथेली पर रख चुके है। स्टाफ कम होने के बावजूद भी ,आग पर जल्द काबू पाया जा रहा है।यही वजह है कि जितनी आग की घटनाएं हुई है। उसमें जंगलों नुकसान , बेहद कम पहुंचा है .यह जानकारी , सहायक वन संरक्षक चंद्रिका शर्मा ने ,मीडिया को दी।
अधिक जानकारी देते हुए सहायक वन संरक्षक चंद्रिका शर्मा ने बताया कि , सोलन में तरह हज़ार हैक्टेयर भूमि पर वन है। जिनमे एक माह में उनत्तीस बार आग लग चुकी है। परिणाम स्वरूप आठ सौ दो हैक्टेयर वनों को, नुकसान पहुंचा है। जिसमे अभी तक करीबन आठ लाख का नुकसान हुआ है। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि, आग लगने के दो विशेष कारण है। पहला कारण गांव के ,लोग है ,जो अच्छी घास के लालच में, जंगलों में आग लगा देते है। दूसरा बडा कारण, hotel के कर्मचारी है जो, कूडे को जलाने के लिए आग लगाते है। यह आग जंगलों में फैल जाती है। इसलिए वह ,गांव वासियों ,और होटल व्यवसाइयों से, आग्रह करते है कि, वह अपने लालच के चक्कर मे ,अनमोल वन संपदा को नष्ट न करें ।