सोलन जिला प्रशासन ने परवाणु से जाबली तक के होटलों का औचक निरीक्षण किया। जिसमें पाया गया कि ज़्यादातर होटल ढाबों ने अपने सीवेरजे के पाइप कौशल्या खड्ड में डाले हुए है। जिसको लेकर उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने अधिकारियों को निरीक्षण के सख्त दिशा निर्देश दिए और नियमों का उलंघन करने वाले ढाबों होटलों और व्यवसायिक संस्थानों के चालान भी करवाए । गौर तलब है कि कौशल्या खड्ड के पानी को एकत्र कर के ही सारे परवाणु क्षेत्र को पानी सप्लाई किया जाता है। लेकिन अब यह पानी पीने लायक नहीं रहा है। इस पानी में गंदगी इस कदर घुल चुकी है कि इसे गटर का पानी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। आप को यह कौशल्या खड्ड का पानी , होटल ढाबों से निकले शौच की वजह से पूरी तरह से दूषित हो चुका है जो पीने लायक नहीं रहा है यही वजह है कि परवाणु में सबसे अधिक डायरिया के मामले आ रहे है।
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने बताया कि डायरिया के मामले अधिक आने से कौशल्या नदी के पानी की जांच करवाई गयी तो पाया कि वह पानी पीने लायक नहीं है और उस पानी में शौच के अधिक मात्रा है। तो ढाबों और होटलों का निरिक्षण किया गया तो पाया कि उन्होंने शौचालय के पाइप सीधा खड्ड में छोड़े हुए है। इस लिए होटलों के छे चालान किए और चौंसठ हज़ार जुर्माना भी वसूला । वहीँ उन्हें दिशा निर्देश भी दिए है कि अगर वह जल्द सीवरेज निकासी को बंद नहीं करते तो उनके और चालान भी किए जाएंगे और साथ में उनके ढाबों और होटलों को बंद भी करवा दिया जाएगा।