पिछले 1 साल से पानी के लिए ग्रामीण लगा रहे हैं दफ्तरों के चक्कर
1 किलोमीटर दूर एक बॉडी से गंदा पानी ग्रामीण पिने को मजबूर
ग्रामीणों ने जल शक्ति विभाग को दी चेतावनी कहा
अगर 2 दिन के भीतर-भीतर नहीं किया गया पेयजल की किल्लत का समाधान
तो जल शक्ति विभाग नालागढ़ के बाहर दिया जाएगा धरना
एंकर : नालागढ़ के तहत तक खिल्लीया पंचायत के नगर में इन दिनों ग्रामीणों को पेयजल की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है और पानी के लिए ग्रामीणों को प्रतिदिन दो-चार होना पड़ रहा है आपको बता दें कि ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक साल से वह पेयजल की किल्लत को लेकर नालागढ़ जल शक्ति विभाग के चक्कर काट रहे हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों के कान पर जू तक नहीं रेंग रही है और उनके द्वारा उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है जिसके चलते ग्रामीणों ने एकत्रित होकर जल शक्ति विभाग के खिलाफ नगर गांव में रोष प्रदर्शन किया।
और ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 1 वर्ष से पानी के लिए उन्हें दो-चार होना पड़ रहा है और 1 किलोमीटर दूर एक बॉडी से गंदा पानी लाकर ग्रामीण पीने को मजबूर है ग्रामीणों ने कहा है कि तीन-चार महीने पहले जब उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को शिकायत की थी तो उसके बाद नई पाइपलाइन बिछाने को लेकर एक टेंडर भी विभाग की ओर से कर दिया गया था लेकिन कुछ दिन बाद ही ठेकेदार द्वारा पुरानी पाइपलाइन को खोदने का कार्य बंद कर दिया गया था जिसके बाद अब निर्माण कार्य पूर्ण तौर पर बंद है।
और ग्रामीणों का कहना है कि पुरानी पाइप लाइन को बदलकर उसकी जगह नहीं पाइपलाइन लगाई जाए तो उनकी पानी की समस्या दूर हो सकती है क्योंकि जिस स्कीम में बोरवेल हुआ है वहां पर पानी की कोई दिक्कत नहीं है लेकिन पुरानी पाइपलाइन जगह-जगह से टूटी हुई है और कई जगह से ब्लॉक भी हो चुकी है जिसके कारण उनका गांव ऊंचाई पर होने के चलते पानी उन तक नहीं पहुंचता जिसके चलते उन्हें पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देकर कहा है कि अगर 2 दिन के भीतर भीतर उनकी पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह जल शक्ति विभाग नालागढ़ के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन करने को भी मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की होगी।
ग्रामीणों को आ रही पेयजल की दिक्क़त को लेकर जब हमने जल शक्ति विभाग नालागढ़ के एक्स.ई. एन. नीरज गुप्ता से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उनकी ओर से तो पहले ही टेंडर लगा दिया गया था लेकिन ग्रामीणों के आपसी झगड़े की वजह से वहां पर निर्माण कार्य रुका है उन्होंने कहा है कि जैसे ही ग्रामीणों का आपसी समझौता होता है तो निर्माण कार्य जल्द दोवारा शुरू करवा दिया जाएगा और ग्रामीणों को पेयजल की किल्लत से जूझना नहीं पड़ेगा।