नालागढ़ के रामशहर मार्ग पर स्थित गुरुकुण्ड में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सजा दो दिवसीय बैसाखी जोड़ मेला

बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा बैसाखी जोड़ मेला
हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गुरु कुंड में स्थित आस्था की डुबकी
अपने और अपने परिवार वालों समेत क्षेत्र की सुख शांति की मांगी मन्नतें

एंकर : नालागढ़ के तहत पहाड़ी हलके रामशहर मार्ग पर स्थित गुरु कुंड में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दो दिवसीय बैसाखी जोड़ मेला लगाया गया और बैसाखी जोड़ मेला बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। हजारों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बैसाखी 13 अप्रैल को भारी मात्रा में पहुंचकर गुरुकुण्ड में आस्था की डुबकी लगाई और अपने और अपने परिवार वालों व क्षेत्र वासियों की सुख – समृद्धि की कामना भी की गईं है।

आपको बता दें कि गुरुकुंड में पूजा पाठ करने वाले बाबा भगत सिंह का कहना है कि गुरु कुंड में कोठा क्नोन के रहने वाले बेबस सुखदेव सिंह हर रोज कुंड में स्नान करने के लिए आते थे और राजाओं का समय था और राजा ने बाबा जब स्नान कर रहे थे उन्हें मारने के लिए घेरा डाला और उन्हें मारने की कोशिश की लेकिन सुखदेव बाबा इतने शक्तिशाली थे कि वह अपना चोला छोड़कर अदृश्य हो गए और तब से लेकर आज तक यहां पर इस स्थान को गुरु कुंड के नाम से जाना जाता है और हर वर्ष बैसाखी के दिन यहां पर 13 अप्रैल और 14 अप्रैल को भारी मेला लगता है जिसमें पंजाब हिमाचल हरियाणा चंडीगढ़ दिल्ली यूपी बिहार से श्रद्धालु आते हैं और आस्था की डुबकी लगाकर अपने परिवार और क्षेत्र के सुख समृद्धि की कामना करते हैं।

यहां माथा टेकने पहुँचे श्रद्धालुओं का कहना है कि यह ऐतिहासिक प्रसिद्ध स्थान है और यहां पर जो भी मन्नते श्रद्धालुओं द्वारा मानी जाती है वह पूरी होती है जिसको लेकर क्षेत्र के लोगों में इस स्थान की काफी श्रद्धा है। आपको बता दें कि इस बैसाखी जोड़ मेले पर गुरुजी का अटूट लंगर भी बरताया गया जिसमें भारी मात्रा में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर लंगर का प्रदाद ग्रहण किया।