एंकर :-15 अप्रैल को मनाए जाने वाले हिमाचल दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को लेकर शिमला के रिज मैदान में तैयारियां शुरू हो गई है. इस बार कार्यक्रम के दौरान पुलिस, होम गार्ड, एनएसएस सहित कुल 14 टुकड़ियां परेड में शामिल होंगी जिनकी रिहर्सल चल रही है. पुलिस और होम गार्ड बैंड सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम खासे आकर्षण का केंद्र रहेंगे. आचार संहिता के चलते इस बार दुसरे राज्यों की टुकड़ियां परेड में हिस्सा नहीं लेंगी. राज्यपाल शिव प्रसाद शुक्ल कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे.15 अप्रैल 2024 को पहाड़ी प्रदेश का 77 वां हिमाचल दिवस मनाया जा रहा है. 15 अप्रैल 1948 को 30 छोटी बड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल का मुख्य आयुक्त के प्रांत के रूप में गठन हुआ था. उसके बाद 25 जनवरी 1971को हिमाचल प्रदेश को 18वें गणराज्य का दर्जा दिया था. तब से लेकर 75 साल बीत गए इस दौरान हिमाचल ने कई कठिनाईयों का सामना करते हुए विकास की नई इबादत लिखी.
वी ओ :-एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि हिमाचल दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को लेकर रिज मैदान में परेड की रिहर्सल चल रही है और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि लोगों को असुविधा न हो. परेड में पुलिस, होम गार्ड, एनएसएस, एनसीसी सहित पुलिस और होम गार्ड बैंड की 14 टुकड़ियां हिस्सा लेंगी.
बाइट….. संजीव गांधी… एसपी शिमला
70 लाख से ज़्यादा की आबादी वाले इस प्रदेश की कहानी उतनी ही प्राचीन है जितनी मानव सभ्यता, लेकिन हिमाचल के जन्म की कहानी 1945 से शुरू होती है जब तक प्रदेश में प्रजा मंडलों का गठन हो चुका था. 1946 में सभी प्रजा मंडलों को एचएचएसआरसी में शामिल कर लिया ऒर मुख्यालय मंडी में स्थापित किया गया. मंडी के स्वामी पूर्णानंद को अध्यक्ष, पदमदेव को सचिव तथा शिव नंद रमौल (सिरमौर) को संयुक्त सचिव नियुक्त किया. एचएचएसआरसी के नाहन में 1946 ई. में चुनाव हुए, जिसमें यशवंत सिंह परमार को अध्यक्ष चुना गया.
जनवरी, 1947 ई. में राजा दुर्गा चंद (बघाट) की अध्यक्षता में शिमला हिल्स स्टेट्स यूनियन की स्थापना की गई. जनवरी, 1948 ई. में इसका सम्मेलन सोलन में हुआ. 15 अप्रैल 1948 ई. को हिमाचल प्रदेश राज्य का निर्माण किया था. उस समय प्रदेश भर को चार जिलों में बांटा गया और पंजाब हिल स्टेट्स को पटियाला और पूर्व पंजाब राज्य का नाम दिया गया. 1948 ई. में सोलन की नालागढ़ रियासत कों शामिल किया गया. अप्रैल 1948 में इस क्षेत्र की 27,000 वर्ग कि॰मी॰ में फैली लगभग 30 रियासतों को मिलाकर इस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया.
सन 1950 में प्रदेश के पुनर्गठन के अंतर्गत प्रदेश की सीमाओं का पुनर्गठन किया गया. कोटखाई को उपतहसील का दर्जा देकर खनेटी, दरकोटी, कुमारसैन उपतहसील के कुछ क्षेत्र तथा बलसन के कुछ क्षेत्र तथा बलसन के कुछ क्षेत्र कोटखाई में शामिल किए गए. कोटगढ़ को कुमारसैन उपतहसील में मिला गया. उत्तर प्रदेश के दो गांव संसोग और भटाड़ जुब्बल तहसील में शामिल कर दिए गए. पंजाब के नालागढ़ से सात गांव लेकर सोलन तहसील में शामिल किए गए. इसके बदले में शिमला के नजदीक कुसुम्पटी, भराड़ी, संजौली, वाक्ना, भारी, काटो, रामपुर. इसके साथ ही पेप्सी (पंजाब) के छबरोट क्षेत्र कुसुम्पटी तहसील में शामिल कर दिया गया.
एक जुलाई, 1954 ई. को कहलूर रियासत को प्रदेश में शामिल करके इसे बिलासपुर का नाम दिया गया. एक मई, 1960 को छठे जिला के रूप में किन्नौर का निर्माण किया गया. वर्ष 1966 में पंजाब का पुनर्गठन किया गया तथा पंजाब व हरियाणा दो राज्य बना दिए गए. भाषा तथा तिहाड़ी क्षेत्र के पंजाब से लेकर हिमाचल प्रदेश में शामिल कर दिए गए. संजौली, भराड़ी, कुसुमपटी आदि क्षेत्र जो पहले पंजाब में थे तथा नालागढ़ आदि जो पंजाब में थे, उन्हें पुनः हिमाचल प्रदेश में शामिल कर दिया गया.
सन 1966 में इसमें पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को मिलाकर इसका पुनर्गठन किया गया तो इसका क्षेत्रफल बढ़कर 55,673 वर्ग कि॰मी॰ हो गया. 8 प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा 25 जनवरी 1971 को मिला। 1 नवम्बर 1972 को कांगड़ा ज़िले के तीन ज़िले कांगड़ा, ऊना तथा हमीरपुर बनाए गए. महासू ज़िला के क्षेत्रों में से सोलन ज़िला बनाया गया. आज का हिमाचल 12 जिलों प्रदेश है जिसकी जनसंख्या 70 लाख से ज़्यादा है.