सोलन जिला बिना फूड लाइसेंस के शराब ठेके

– खाद्य सुरक्षा एक्ट 2006 में शराब के ठेकेदारों को लाइसेंस लेना अनिवार्य
– खाद्य सुरक्षा विभाग ने दी शराब ठेकेदारों को दी चेतावनी

सोलन, अप्रैल (पाल): सोलन जिला में शराब के ठेकों के पास फूड लाइसेंस नहीं है। किसी भी ठेकेदार ने अभी तक फूड लाइसेंस के लिए आवेदन भी नहीं किया है। खाद्य सुरक्षा स्टेंर्डड एक्ट 2006 में शराब के ठेके के लिए फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर 10 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान है। आबकारी जिला सोलन में 6 इकाइयों में 144 शराब के ठेके है जबकि आबकारी जिला बद्दी में भी शराब के ठेकों की संख्या भी कुछ इतनी ही है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने सभी शराब के ठेकेदारों को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द फूड लाइसेंस के लिए आवेदन करें नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यही नहीं खाद्य सुरक्षा विभाग को शराब के सैंपल भरने का भी अधिकार है। जिला सोलन में कोल्ड ड्रिंक की एक्सपायरी डेट का मामला सामने आने के बाद विभाग की योजना है कि आने वाले दिनों में जिला सोलन ( जिसमें आबकारी जिला सोलन व बद्दी दोनों शामिल है) के ठेकों के भी सैंपल भरे जाएंगे।

मजेदार बात यह है कि केन्द्र के इस एक्ट को लागू हुए लम्बा समय हो गया है लेकिन आज तक फूड लाइसेंस को लेकर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। यही वजह है कि किसी भी ठेकेदार ने आज तक इस लाइसेंस को लेना अनिवार्य नहीं समझा । हालांकि यह फूड लाइसेंस की फीस करीब 2000 रुपए प्रति ठेका है लेकिन लाइसेंस न होने पर जुर्माना 10 लाख रुपए तक करने का प्रावधान है। शराब की निलामी अब ठेके वाइज नहीं बल्कि पूरी यूनिट की होती है तो इस सूरत में एक ठेकेदार के पास एक यूनिट के अंदर ठेकों की संख्या 15 से 20 या फिर भी इससे अधिक हो सकती है।

खाद्य सुरक्षा विभाग पिछले काफी समय से खाद्य पदार्थों के साथ कोल्ड ड्रिंक के सैंपल भर रहा है। अब विभाग की नजर शराब के ठेकों पर है। देखते है कि विभाग की इस चेतावनी का असर ठेकेदारों पर कितना होता है, यह तो आने वाला समय बताएगा।
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खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त अरूण चौहान ने बताया कि खाद्य सुरक्षा स्टेंर्डड एक्ट 2006 में शराब के ठेके लिए फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। हैरानी की बात है कि जिला सोलन में किसी भी ठेकेदार ने इसके लिए आवेदन नहीं किया है। विभाग द्वारा जल्द ही जिला भर में शराब के सैंपल भी भरें जाएंगे।