बहुत से लोगों के मन में हमारे पूर्वजों को लेकर कौतुहल होगा. दिमाग में कई तरह के सवाल आते होंगे, हमारे पूर्वज क्या पहनते थे, कैसे रहते थे और क्या खाते थे. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से टुकड़ों में इन सवालों के जवाब मिलते रहते हैं. चटर-पटर खाने की आदत हर किसी को होती है, कोई कितना भी ज़्यादा टोन्ड फ़िगर के लिए क्रेज़ी हो लेकिन चटपटा सामने कुछ मिल जाए तो हाथ बढ़ा ही देते हैं. वैज्ञानिकों को अब कुछ सबूत मिले हैं जिससे ये साबित होता है कि हमारे पूर्वजों को भी स्नैकिंग करने यानि चटर-पटर खाने की आदत थी. रोम के कोलोसियम के पास शोधार्थियों को कुछ बेहद दिलचस्प चीज़ें मिली है.
हज़ारों साल पहले ये खाते थे हमारे पूर्वज
My Modern Met की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में कुछ शोधार्थियों ने कोलोसियम के आस-पास स्थित सीवर्स की खुदाई की. सालभर की स्टडी के बाद उन्हें 1900 साल पुराने फल, नट्स, ऑलिव्स, चेरी, अंगूर, अंजीर, ब्लैकबेरी और आड़ू के बीज और अवशेष मिले हैं.
कोलोसियम में स्पोर्ट्स, ग्लेडिएटर फ़ाइट्स या नाटक देखते हुए उस ज़माने में भी लोग हमारे जैसी ही चीज़ें खाते थे.
जानवरों की हड्डियां भी मिली
फल और नट्स के बीज, अवशेषों के अलावा कोलोसियम के पास से कुछ जानवरों के अवशेष भी मिले. Smithsonian Magazine के अनुसार, शोधार्थियों को सिंह, भालू, कुत्ते और अन्य जानवरों की हड्डियां मिली. उनका कहना है कि दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए शायद इन जानवरों को ज़बरदस्ती एक-दूसरे से लड़ाया जाता था. ये जानवर हंटिंग गेम्स का हिस्सा भी हो सकते हैं.
शोधार्थियों को तीसरी से सातवीं शताब्दी के बीच के 50 कांसे के सिक्के भी मिले. इसके अलावा शासक मार्क्स ऑरेलियस के राज के 10 साल पूरे होने पर जारी किए गए चांदी के 171 सिक्के भी पाए गए.
कोलोसियम के प्रमुख आर्कियोलॉजिस्ट, फ़ेडेरिका रिनाल्डी ने कहा, ‘सिवर्स में ही ये सारी चीज़ें मिली हैं. जानवरों के अवशेष की खोज बेहद अहम खोज है. शेर और भालू के अलावा छोटे कुत्ते, मुर्गे और सुअर के अवशेष मिले हैं. कुछ पौधों के भी अवशेष मिले हैं जिन्हें शायद कोलोसियम को सजाने के लिए लगाया गया था.’
जनवरी 2021 में शोधार्थियों ने कोलोसियम के 2000 साल पुराने सिवर्स की सफ़ाई का प्रोजेक्ट शुरू किया. सदियों पुराने सिवेज सिस्टम को नैविगेट करने के लिए रोबोट्स का इस्तेमाल किया गया.
यूरोप के सबसे मशहूर टूरिस्ट स्पॉट्स में से एक है रोम का कोलोसियम. बहुत से लोग इस एम्फ़िथियेटर को ग्लेडिएटर फ़ाइट्स से ही जोड़कर देखते हैं. लेकिन यहां लोगों के मनोरंजन के लिए नाटक और दिखावटी नौसेना युद्ध भी होते थे.