मैनुअल स्केवैंजर्स अधिनियम, 2013 के अंतर्गत गठित ज़िला स्तरीय सतर्कता सर्वेक्षण समिति की बैठक आज यहां उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि सर्वेक्षण समिति का मूल उद्देश्य जिला में मैन्युअल स्कैवेंजर एक्ट, 2013 के अंतर्गत सर्वेक्षण प्रक्रिया को समयबद्ध पूरा करने में अहम भूमिका निभाना है।
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान अस्वच्छ शौचालयों की पहचान, संबंधित भवन मालिकों के माध्यम से उन्हें स्वच्छ बनाने, हाथ से मैला ढोने वालों की पहचान सहित इस अधिनियम के तहत की गई कार्यवाही की रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर पर 07 जुलाई, 2024 तक प्रेषित की जानी है।
उन्होंने कहा कि सोलन जिला में स्वच्छ शौचालयों की पहचान के लिए सर्वेक्षण गत माह से आरंभ हो गया है और इसे समयबद्ध पूरा किया जाना है। उन्होंने बैठक में उपस्थित संबंधित अधिकारियों को स्वच्छता एप के माध्यम से 10 अप्रैल तक यह सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करवाकर इसकी सूचना कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान देशवासियों को बराबरी के अधिकार प्रदान करता है। जन-जन का सम्मान बनाए रखने के उद्देश्य से हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 पारित किया गया।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के लिए स्वच्छता के दृष्टिगत सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध करवाना आवश्यक है ताकि उनका जीवन सुरक्षित रह सके।
मनमोहन शर्मा ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोलन ज़िला में कोई भी शौचालय अस्वच्छ न रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि मलनालियों व मलाशयों की साफ-सफाई के कार्य के समय मशीनों का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगम सोलन, सभी नगर परिषद, नगर पंचायतें यह सुनिश्चित बनाएं कि इस अधिनियम में निहित नियमों का पूर्ण रूप से पालन हो।
ज़िला कल्याण अधिकारी सोलन गावा सिंह नेगी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता जल शक्ति विभाग संजीव सैनी, ज़िला पंचायत अधिकारी जोगिन्द्र प्रकाश राणा सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि सर्वेक्षण समिति का मूल उद्देश्य जिला में मैन्युअल स्कैवेंजर एक्ट, 2013 के अंतर्गत सर्वेक्षण प्रक्रिया को समयबद्ध पूरा करने में अहम भूमिका निभाना है।
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान अस्वच्छ शौचालयों की पहचान, संबंधित भवन मालिकों के माध्यम से उन्हें स्वच्छ बनाने, हाथ से मैला ढोने वालों की पहचान सहित इस अधिनियम के तहत की गई कार्यवाही की रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर पर 07 जुलाई, 2024 तक प्रेषित की जानी है।
उन्होंने कहा कि सोलन जिला में स्वच्छ शौचालयों की पहचान के लिए सर्वेक्षण गत माह से आरंभ हो गया है और इसे समयबद्ध पूरा किया जाना है। उन्होंने बैठक में उपस्थित संबंधित अधिकारियों को स्वच्छता एप के माध्यम से 10 अप्रैल तक यह सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करवाकर इसकी सूचना कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान देशवासियों को बराबरी के अधिकार प्रदान करता है। जन-जन का सम्मान बनाए रखने के उद्देश्य से हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 पारित किया गया।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के लिए स्वच्छता के दृष्टिगत सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध करवाना आवश्यक है ताकि उनका जीवन सुरक्षित रह सके।
मनमोहन शर्मा ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोलन ज़िला में कोई भी शौचालय अस्वच्छ न रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि मलनालियों व मलाशयों की साफ-सफाई के कार्य के समय मशीनों का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगम सोलन, सभी नगर परिषद, नगर पंचायतें यह सुनिश्चित बनाएं कि इस अधिनियम में निहित नियमों का पूर्ण रूप से पालन हो।
ज़िला कल्याण अधिकारी सोलन गावा सिंह नेगी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता जल शक्ति विभाग संजीव सैनी, ज़िला पंचायत अधिकारी जोगिन्द्र प्रकाश राणा सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।