किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन पर खड़ी गेहूं की फसल तबाह
किसानो पर मंडराने लगा है आर्थिक संकट का डर
परिवारों के पालन पोषण की भी हो रही चिंता
स्थानीय किसानों ने सरकार से लगाई उचित मुआवजे की गुहार
एंकर : नालागढ़ में एक बार फिर दो दिनों से हो रही लगातार बारिश किसानों पर कहर बनकर बरसी है औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के तहत पड़ने वाले चंगर, बद्दी बरोटीवाला में किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन पर खड़ी गेहूं की फसल तेज बारिश, तूफान व ओलावृष्टि के कारण तबाह हो चुकी है आपको बता दें कि दो दिनों से ही लगातार तेज बारिश शुरू हो गई थी और इस तेज बारिश के कारण गेहूं की फसलों को भारी नुकसान हुआ है तेज तूफान के कारण फसलें जमीन पर बिछ चुकी है और किसानों की करीबन 60 से 70 फ़ीसदी फसल तबाह हो चुकी है अब किसानों को आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा है और अपने परिवार के पालन पोषण की भी चिंता होने लगी है क्योंकि बच्चों की तरह पाली हुई फसल अब खत्म होने की कगार पर आ चुकी है और किसान खासे परेशान है और पीड़ित किसानों ने प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार से पहाड़ी हल्के की तर्ज पर जैसे सेबों के नुक्सान पर मुआवजा दिया जाता है उसी तरह गेहूं की फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा देने की गुहार लगाई है ताकि वह फसलों के नुकसान की तो भरपाई नहीं हो पाएगी लेकिन पीड़ित किसान अपने परिवार का इस महंगाई के दौर में पालन पोषण ही कर सके यह काफी होगा। अब देखना यह होगा कि कब सरकार और प्रशासन व संबंधित एग्रीकल्चर विभाग किसानों की फसलों के नुकसान की भरपाई करता है और कब किसानों को आ रही परेशानियों से निजात मिलती है।
इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए स्थानीय किसानों का कहना है कि काफी लंबे समय से किसान बारिश की उम्मीद कर रहे थे लेकिन जब बारिश की जरूरत थी तब बारिश नहीं पड़ी लेकिन अब वे मौसमी बारिश और तेज हवाओं और ओलावृष्टि के कारण 60 से 70 फीसदी गेहूं की फसलों को नुकसान हुआ है। और तेज हवाओं के कारण किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बिछ चुकी है जिससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ है पीड़ित किसानों का कहना है कि इस महंगाई के दौर में अब उन्हें अपने परिवार के पालन-पोषण की चिंता सताने लगी है और उन्होंने प्रदेश सरकार से उचित मुआवजे की मांग उठाई है।