कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुशल जेठी ने आज विधाानसभा अध्यक्ष के कक्ष के बाहर निर्दलीय विधायकों द्वारा दिए गए धरने को भाजपा के की फिजूल की कसरत करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा सभा सचिव की ओर से इस्तीफा देने वाले निर्दलीय विधायकों को उनके इस्तीफे पर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है तब उनको पूछे गए सवालों के जवाब देने के बजाए धरने जैसी नौटंकी की क्या आवश्यकता है।
उन्होंने कहा है कि लगता है कि भाजपा को अहसास हो गया है कि उसकी सारी चालें उस पर उलटी ही भारी पड़ने लगी हैं। ऐसे में उसके नेता निर्दलीय विधायकों की आड़ में सुर्खियों में बे रहने का प्रयास कर रहे हैं। कुशल जेठी ने कहा कि यह बात किसी को समझ नहीं आ रही है कि निर्दलीय विधायकों से भाजपा भाजपा ने इस्तीफा क्यों दिलवाया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के विधानसभा अध्यक्ष को अपने अधिकारों को ज्ञान है और वे कोई भी कदम सोच समझ क उठाते हैं। ऐसे में भाजपा नेताओं के उकसावे पर निर्दलीय विधायकों को इस तरह की चीजें करने के बजाए प्रदेश की जनता और विधानसभा अध्यक्ष को यह बताना चाहिए कि कुछ दिन पहले तक सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का दावा करने वाले इन विधायकों को विधानसभा की सदस्यता छोड़ने की ऐसी कौन सी मजबूरी आन पड़ी थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता व पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के दवाब में र्दिलीय विधायक आज धरने पर बैठे। ऐसा लगता है कि जयराम ठाकुर को न तो संविधान की जानकारी है और न ही उन्हें नियमों के बारे में कुछ पता है। उन्हें तो लग रहा है कि अचानक सुक्खू सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे और वे मुख्य मंत्री पद की शपथ ले लेंगे।