सुबाथू सहकारी सभा में 18करोड़ के घोटाले में अब तक आरोपियों की 13 करोड़ की संपत्ति अटैच, आज हुई पेशी
सुबाथू सहकारी सभा में 18 करोड़ के घोटाले की जांच में आज सहायक पंजीयक की कोर्ट में गड़बड़ी से जुड़े लोगों की तीसरी पेशी हुई। बताया गया कि इस मामले में आरोपियों की अब तक लगभग 13 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया जा चुका है। बाकी लोगों की संपत्ति भी खंगाली जा रही है।
सहायक पंजीयक गिरीश नड्डा ने बताया कि आज आरोपियों को जारी किए गए तीसरे सम्मन पर उनकी पेशी थी। उन्होंने बताया कि सभा की पूर्व कमेटी ने अपने नजदीकियों और रिश्तेदारों को तय सीमा से कहीं अधिक राशि के ऋण वितरित करके इस घोटाले का अंजाम दिया दिया था। जांच में कुल मिलाकर 18 करोड़ रुपये के ऐसे ऋणों का खुलासा हुआ था जो कमेटी के पदाधिकारियों के नजदीकी लोगों व रिश्तेदारों को बिना किसी गारंटी के बांट दिए गए थे।
इसके बाद सहायक पंजीयक ने सभा की पुरानी कार्यकारिणी को भंग करके नए चुनाव करवाए थे। आज पेश हुए लोगों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से बताया कि वे जल्दी ही अपना ऋण जमा करवा देंगे।
नड्डा ने बताया कि अब तक लगभग ऋण लेने वालों की 13 करोड़ की संपत्ति अटैच्ड की जा चुकी है। जिसे जल्दी ही नीलाम करके सभा की धनराशि आरोपियों से वसूल की जाएगी। इसके अलावा शेष धनराशि की वसूली के लिए आरोपियों की ओर संपत्ति का पता लगाया जा रहा है ताकि वह वसूली भी संपत्ति को नीलाम करके की जा सके।
आरोप है कि पूर्व कमेटी के पदाधिकारियों ने ऋण की सीमा से परे जाकर अपने नजदीकी—— रिश्तेदारों को दो— दो करोड़ के ऋण भी दिए थे। जबकि सभा सात लाख से अधिक का ऋण नहीं दे सकती थी। बाद में आरोपों की जांच में आरोप सही पाए गए। इसी क्रम में सहायक पंजीयक मामले की सुनवाई कर रहे हैं। अब इस प्रकरण में रिकवरी की कार्रवाई चल रही है।
संस्था के संस्थापक सदस्य सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि संस्था का कार्य क्षेत्र सोलन जिले में थे इसलिए जिले भर के लोगों की गाड़ी कमाई के 18 करोड़ रुपयों को चंद पदाधिकारियों ने अपने कुछे रिश्तेदारों व नजदीकियों को बांट दिया। जो कि अपराध है। उन्होंने कहा कि इस मामले की निश्पक्ष जांच के बाद रिकवरी की कार्रवाई होनी चाहिए।