प्राकृतिक जलाशयों के रखरखाव की ओर नही है निगम प्रशासन का कोई ध्यान

 

सोलन शहर में जहां इन दिनों पानी की समस्या से शहरवासी जूझ रहे हैं तो वहीं बात अगर प्राकृतिक जल स्रोतों की करें तो उसमें भी स्वच्छता बनाए रखने में निगम और प्रशासन नाकाम साबित होता नजर आ रहा है ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शहर के वार्ड नंबर आठ में स्थित प्राकृतिक जलाशय का हाल इन दिनों यह है कि अगर कोई उसका पानी पी लेता है तो वह किसी भी जानलेवा बीमारी का शिकार हो सकता है,,
खास बात तो यह है कि इस बावड़ी का निर्माण बघाट रियासत के अंतिम शासक ने करवाया था ताकि शहर में पानी की कमी ना हो परंतु इन दिनों इसका रखरखाव सही न होने के चलते अब इसका पानी पीने योग्य नहीं रहा है,,

जब इस बारे में स्थानीय लोगों से बात की तो पवन का कहना है कि शूलिनी मंदिर के समीप ही यह बावड़ी बनी है और मंदिर के निर्माण कार्य के साथ ही इसका निर्माण भी हुआ था परंतु रखरखाव सही से न होने के चलते अब इसका पानी पीने योग्य नहीं रहा अगर हम प्राकृतिक जल स्रोतों का रखरखाव नहीं करेंगे तो भविष्य में पानी की समस्या आना तो लाजमी है ।
तो वही कमल का कहना है कि नगर निगम ने बावड़ी की साफ सफाई तो नहीं करवाई परंतु इसके आसपास जितनी भी गंदी नालियां हैं उन सभी का बहाव बावड़ी की और ही मोड़ दिया है जिसके चलते सारा गंदा पानी रिस कर बावड़ी के अंदर आ जाता है,, और बाहर के जितने भी लोग जहां आते हैं वह यहां आकर बावड़ी के अंदर ही कपड़े भी होते हैं स्थानीय संस्थाएं यहां आकर अपने बोर्ड तो लगती है परंतु बावड़ी में साफ सफाई नहीं करती,,

जब भी सोलन शहर में पानी की समस्या आती है तो शहारवासी प्राकृतिक जल स्रोतों से ही पानी भरते हैं परंतु अब इस बावड़ी का पानी पीने योग्य नहीं रहा है हमारी प्रशासन और नगर निगम से अपील है कि जल्द से जल्द बावड़ी को साफ करवाया जाए साथ ही जो नाले के भाव बावड़ी की और मोड गए हैं उन्हें भी सही किया जाए ताकि इसका पानी फिर से पीने योग्य बन सके और शहर में पानी की समस्या से शहर वासियों को न जूझना पड़े।