हमीरपुर के वैटरन धावक सुरेन्द्र ने फिर चमकाया नाम गोवा में हाल ही में संपन्न हुई राष्ट्रीय मास्टर्ज एथलेक्टिस प्रतियोगिता में हासिल किया गोल्ड मेडल

 

हमीरपुर

उम्र के एक पडाव में जहां इसान आराम करना पंसद करता है लेकिन हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के वार्ड नंबर दो के वेटरन धावक सुरेन्द्र सिंह ने 68 साल की उम्र में दर्जनों मेडल जीतकर सबको हैरान कर दिया है। हाल ही में गोवा में संपन्न हुई ओपन मास्टर्ज एथलेक्टिस मीट में दस किमी में गोल्ड मेडल जीता है तो पांच किमी में ब्राउज व 1500 मीटर दौड में चैथे स्थान पर रहे है। धावक सुरेन्द्र इस उम्र में भी पांच किलोमीटर से लेकर पचास किलोमीटर की दौड में हिस्सा ले चुके है जिससे वह सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने हुए है।

धावक सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि 45 साल की उम्र से दौडना शुरू किया था और धीरे धीरे शौक के चलते राष्ट्रीय और अर्तराष्ट्रीय दौडों में हिस्सा लेना शुरू किया । उन्होंने बताया कि अब तक दर्जनों मेडल दौड में हासिल किए है और अब लक्ष्य स्वीडन में होने वाली अर्तराष्ट्रीय मास्टर्ज एथलेक्टिस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर गोल्ड मेडल जीतना है।सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि अब तक सौ के करीब मेडल जीत चुके है और अब स्वीडन में अगस्त माह में होने वाली अतराष्ट्रीय मास्टर्ज गैम्ज में मेडल जीतने के लिए तैयारी की जा रही है और कोशिश रहेगी कि अर्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी भारत कानाम रोशन किया जा सके।सुरेंद्र सिंह ने बच्चों को नशे से दूर रहने की नसीहत दी तथा अपनी सफलता का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत और लगन को दिया । उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि कड़ी मेहनत से ही खिलाडी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं। सुरेन्द्र सिंह की धर्मपत्नी लीला देवी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बहुत अच्छा लगता है जब सुरेन्द्र मेडल जीत कर लाते है। उन्होंने कहा कि जब कभी भारत से बाहर जाते है तो फोन पर हौंसला आफजाई करते है ताकि जीत कर आए।युवा अंकुश ने बताया कि सुरेन्द्र के द्वारा इतनी ज्यादा उम्र में भी मेडल जीतने पर हैरानी होती है और युवा भी सुरेन्द्र को देखकर प्ररेणा ले रहे है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही ताया सुरेन्द्र को मेडल लाते हुए देख रहे है । उन्होने कहा कि स्वीडन में अर्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भी चयन हुआ है जिससे सभी लोगों में बहुत खुशी है।

बता दे कि सुरेन्द्र सिंह ने आठ बार नेशनल ओपन मास्टर्ज में हिस्सा लिया है तो नौ गोल्ड मेडल, चार सिल्बर के अलावा गत वर्ष मलेशिया में संपन्न हुई मास्टर्ज एथलेक्टिस में भी दो सिल्बर व ब्राउन मेडलए वर्ष 2023 में भी एक सिल्बर व एक ब्राउन मेडल और थाईलेंड में एक सिल्बर मेडल 1500 मीटर दौड में जीता है। सुरेन्द्र सिंह चेन्नई, बैंगलोर, कलकता,गुजरात, पटियाला मणिपुर राज्यों में भी मास्टर्ज एथलीट में अपना प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके है।सुरेंद्र सिंह ने 68 वर्ष की आयु में भी खेल मैदान से जुड़े रहना अपने आप में एक मिसाल है। 17 सालों तक आर्मी में सेवाएं दे चुके सुरेन्द्र सिंह रोजाना सुबह शाम खेल मैदान मेंबर प्रेक्टिस करते है और अपने शरीर को फिट रखने के लिए एक्टिव रहते है। कोविड माहमारी के दौरान भी सुरेन्द्र ने अपने दौडने केशौक कायम रखते हुए प्रेक्टिस जारी रखी थी।