इस दौरान पाठ सामग्री का निर्माण व प्रयोग, इसके प्रकार आदि की जानकारी प्रशिक्षुओं को दी गई। अपने स्वागत उद्बोधन व कार्यशाला का विषय प्रवेश करते हुए प्रधनाचार्य डॉ. निशाशर्मा ने कहा कि आज शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को आनंददाई बनाना संपूर्ण शिक्षक समाज के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। शिक्षर्थियो को शिक्षण सामग्री बनाने के गुर सिखाने का काम करते हुए टीएलएम (टीचर्स लर्निंग मैटीरियल) निर्माण की बारीकियों को बताया।
उन्होंने कहा कि टीएलएम एक ऐसा सशक्त माध्यम से है जिससे बच्चों में विभिन्न अवधारणाओं की समझ आसानी से विकसित की जा सकती है।
बी एड विभाग द्वारा इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्यों और इन दो दिनों में कार्यशाला में विभिन्न क्रियाकलापों के बारे में चर्चा की गई। कार्यशाला के पहले सत्र में स्टोरी कार्ड ,चार्ट ,मॉडल का निर्माण से संबंधित टीएलएम बनाने की विधियों को बताते हुए समस्त प्रतिभागियों से शिक्षण सामग्री का निर्माण करवाया।
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में टीएलएम और भाषा बोर्ड का निर्माण, तुकांत शब्द, फ्लैश कार्ड और पिक्चर कार्ड का निर्माण एवं सहायक सामग्री के लिये प्रयुक्त की जाने वाली गतिविधियों से अवगत कराया गया। इस मौक़े पर सभी शिक्षक मौजूद रहे।