परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की मां कमलकान्त बत्रा का आज बुधवार को निधन हो गया। वे 77 वर्ष की थीं। जिला कांगड़ा के पालमपुर निवासी कमलकान्त बत्रा को वीर माता के नाम से जाना जाता था, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने बेटे की शहादत को गर्व के साथ स्वीकार किया था।कमलकान्त बत्रा एक गृहिणी थीं। उनके बेटे विक्रम बत्रा 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे। कैप्टन बत्रा को अदम्य साहस और वीरता के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
बता दें देश की दो महत्वपूर्ण चोटियां पाकिस्तान के कब्जे में थी ओर वहां लगातार पाकिस्तानी घुसपैठिये गोलीबारी कर रहे थे, लेकिन जब जंग के मैदान में बिक्रम बत्रा मटर तो पाकिस्तानियों की हालत खराब हो गई ओर उनके पसीने छूट गए थे कैप्टन विक्रम बत्रा काल बनकर उनपर टूट पड़े तथा दोनों चोटियों को पाकिस्तान से मुक्त कराया था।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कैप्टन विक्रम बत्रा की माता कमल कांत बत्रा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।