पिता ने चाय की दुकान चलाकर बेटे को पढ़ाया और आज बेटे ने देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक सीए (CA) की परीक्षा पास कर पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के रिवालसर के गरलौनी गांव के हितेश ठाकुर ने अपनी सफलता से यह साबित कर दिखाया है कि सीमित संसाधनों (limited resources) में भी सफलता अर्जित की जा सकती है। बशर्तें मन में कुछ करने की इच्छा शक्ति हो।
हितेश ठाकुर की मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। हितेश ने यह परीक्षा पास कर पिता मनोहर लाल के कंधों से जिम्मेदारियों का बोझ हल्का कर दिया है। परिवार में माता-पिता के अलावा हितेश का छोटा भाई व दादा-दादी है। हितेश की इस सफलता के बाद घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है।
गरलौनी निवासी हितेश ठाकुर ने एमबीएम न्यूज़ से बातचीत में बताया कि मई में परीक्षा का आयोजन हुआ था। परीक्षा का परिणाम 05 जुलाई को आया है। 23 साल के हितेश ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा (Primary education) गांव के ही स्कूल से पूरी हुई। इसके बाद जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह से 10वीं व 12वीं की शिक्षा पूरी की। 6 साल की निरंतर मेहनत के बाद हितेश ने अपने सपने को हकीकत में बदला है। हितेश ने बताया कि पापा की चाय की दुकान व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मां की तनख्वाह से परिवार चलता है। हितेश ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार व गुरुजनों को दिया है।
8 प्रतिशत ने ही पास की ये परीक्षा
हितेश की सफलता में अहम बात यह भी है कि कुल देश भर 25,841 लोगों ने इस परीक्षा में भाग लिया था। जिनमें से केवल 8.33 % अभ्यर्थियों ने ही इस परीक्षा को पास किया। 25 हजार में से केवल 2,152 ने ही परीक्षा को पास किया है। हितेश भी इन 8 प्रतिशत अभ्यर्थियों में शामिल है। मात्र 23 वर्ष की उम्र में हितेश ठाकुर ने सीए (chartered accountant) की परीक्षा को उत्तीर्ण कर आज के युवाओं व खासकर वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने हैं।