गार्डनिंग (Gardening) के शौकीन अक्सर अपने गार्डन, या फिर गमलों के पौधों के लिए जैविक उर्वरक का ही इस्तेमाल करना ही पसंद करते हैं. ऐसे में वे अक्सर ऐसी घरेलू चीजों के बारें में जानने की कोशिश करते हैं जो पौधों के लिए उर्वरक (Fertilizer) का काम करें. आज के ऑर्टिकल में हम एक ऐसा ही चीज लेकर आएं है जो आपके पौधों के लिए उर्वरक का काम करेगी.
यहां हम लकड़ी की राख के बारें में बात कर रहे हैं. लकड़ी के जलन के बाद जो भूरा सफेद अवशेष बचता है उसे राख कहा जाता है. हम अक्सर इसका इस्तेमाल बर्तन को चमकाने के लिए करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही राख आपके पौधों के लिए (Wood Ash For Plants) भी बेहद काम की चीज है, कैसे? आइए जानते हैं.
लकड़ी की राख कैसे बनती है और यह लाभदायक क्यों है?
लकड़ी के जलने के बाद जो बचा हुआ भूरा-सफ़ेद अवशेष होता है उसे ही राख कहते हैं. इसमें कैल्शियम, पोटेशियम (पोटाश) के अतिरिक्त पौधों के लिए आवश्यक कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं. साथ ही मैग्नीशियम, फास्फोरस, और सल्फर भी आमतौर पर लकड़ी की राख में पाए जाते हैं. जो पौधों को आवश्यक पौषक तत्व प्रदान करते है.
पौधों के पत्ते या फिर तने में कीड़े लग जाएं तो राख छिड़क देने से वह मर जाते हैं. उर्वरक के रूप में लकड़ी की राख का उपयोग लंबे समय से किया जाता रहा है. सीधे तौर पर मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर इसका उपयोग एक जैविक उर्वरक के रूप में किया जा सकता है, बस उपयोग कम मात्रा में बिखेरकर, या अन्य खाद, उर्वरक के साथ मिलकर किया जाना चाहिए.
दरअसल, लकड़ी की राख गीली होने पर लाइ, और नमक बनाती है. कम मात्रा में, लाइ और नमक पौधों में किसी भी तरह की समस्या पैदा नहीं करते, लेकिन अधिक मात्रा में लाइ, और नमक आपके पौधों को जला सकते हैं. अतः कंपोस्ट, या अन्य खाद के साथ सीमित मात्रा में लकड़ी की राख का उर्वरक के रूप में उपयोग पौधों के लिए फायदेमंद होता है.
पौधों में लकड़ी की राख डालने से क्या होता है, कैसे यूज करें?
लकड़ी की राख का उपयोग जैविक उर्वरक के रूप में पौधों को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करने के लिए किया जाता है. इसमें उपस्थित कैल्शियम व पोटेशियम पौधों की ग्रोथ में मदद करता है. जब आप पौधे के लिए मिट्टी तैयार कर रहे हो तभी राख तो मिट्टी के साथ मिला कर उपयोग में लाया जा सकता है. साथ ही आप राख को लिक्विड फॉर्म में भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
याद रहें मिट्टी की उर्वरता परीक्षण के आधार पर और गार्डन में पौधों की पोषक तत्वों की जरूरतों के आधार पर ही लकड़ी की राख का इस्तेमाल करना चाहिए. जबकि, कीटों से नियंत्रण के लिए सूखी राख का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि राख यदि गीली हो जाती है, तो पानी के साथ इसमें उपस्थित साल्ट, या लवण निकल जाता है, और यह अप्रभावी हो जाती है.
पौधों में लकड़ी की राख डालने के नुकसान भी हैं?
पौधों को कीटों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए लकड़ी की राख को पौधों के आधार के चारों ओर छिड़कना चाहिए. यह फर्टिलाइजर घोंघे, स्लग जैसे नरम शरीर वालें जीवों को मारता है.
अगर आपके बगीचे की मिट्टी में पोटेशियम की कमी है, तो भी लकड़ी की राख मदद कर सकती है. जानकारी के मुताबिक अधिकांश लकड़ी राख में लगभग 25 प्रतिशत कैल्शियम कार्बोनेट होता है. ऐसे में अगर आपकी मिट्टी बहुत अम्लीय है तो लकड़ी की राख संशोधन मिट्टी का पीएच बढ़ा सकती है. कुल मिलाकर यह मिट्टी को क्षारीय बनाने की क्षमता भी रखती है.
तमाम लाभों के बावजूद याद रहे इसके उपयोग से अम्लीय मिट्टी में उगने वाले पौधों को नुकसान हो सकता है. ऐसे में इसका इस्तेमाल पौधों की जरुरत के हिसाब से ही करना चाहिए.
लकड़ी की राख को किस-किस उपयोग में लिया जा सकता है?
1. बर्तनों की सफाई: बर्तनों की सफाई के लिए लकड़ी की राख अच्छी मानी जाती है. खास कर देसी चूल्हों पर चढ़ने वाले बर्तनों की सफाई के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.
2. घर की सफाई: छत पर पानी के जमाव की वजह से अगर फिसलन बढ़ जाए तो वहां पर ढेर सारी राख छिड़क दें, ताकि वह पानी को सोक ले और फिर झाड़ू की मदद से साफ कर दें.
3. दांतों की सफाई: ग्रामीण भारत में आज भी लोग अपने दांत साफ करने के लिए लड़की की राख का यूज करते हैं. इसके लिए सिर्फ राख को लेकर दांतों पर दो मिनट तक रगड़ना होता है, और फिर उसे पानी से साफ करना होता है. हालांकि, अगर आपने पहले ऐसा नहीं किया है तो सावधानी बरतें आपके दिक्कत हो सकती है.