केंद्रीय अंतरिम बजट 2024 को लेकर जहां देशभर में उत्सुकता है, वहीं दिल्ली के ऑटो चालकों में इसे लेकर कुछ खास उत्साह नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि ऑटो चालक के भविष्य को लेकर न ही केंद्र सरकार और न राज्य सरकार सोचती है. वहीं दिल्ली में ऑटो की संख्या बढ़ने के साथ ई-रिक्शा की संख्या में भी इजाफा होने के चलते हमारा रोजगार प्रभावित हुआ है.
उन्होंने आगे कहा कि उनके काम में बंदिशें और शर्तें इतनी है परेशानियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. ऑटो की कीमत के हिसाब से हमारी कमाई नहीं हो पाती. सरकार इनकी कीमत को लेकर भी कोई कदम नहीं उठा रही है. वहीं इंश्योरेंस आदि का खर्च उठाने के साथ, रखरखाव का भी खर्च होता है. इतने खर्च के बाद पूरा रोजगार चौपट हो गया है.
एक अन्य ऑटो चालक ने कहा कि हर बार उन्हें बजट से कुछ उम्मीद होती है कि किसी प्रावधान से उन्हें सहूलियत मिलेगी, लेकिन होता इसका उलट ही है. खाने पीने की चीजें जिस तरह से महंगी होती जा रही है और हमारे घर का बजट गड़बड़ हो जा रहा है. इसलिए हम बजट को लेकर नाउम्मीद हो चुके हैं. अब बजट पेश होने पर देखने यह होगा कि, इस बार हमारे लिए कोई सहूलियत लाई जाती है, या फिर पिछली बार की तरह एक बार फिर हमारी उम्मीदें धरी की धरी रह जाएंगी.