नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों की शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं हैं। हिमाचल सरकार में बैठा कोई भी जवाबदेह मंत्री, अधिकारी लोगों की शिकायतें सुनने को तैयार नहीं हैं। मुख्यमंत्री शिकायतें सुन नहीं रहे हैं, उपमुख्यमंत्री के पास लोग जाते हैं तो वे मुख्यमंत्री के पास जाने की बात करते हैं।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि लोग मंत्रियों और मुख्यमंत्री की गाड़ी के सामने खड़े हो जाए और न्याय मांगे यह सही नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सडकों पर सस्ती लोकप्रियता के लिए किए जाने वाले स्टंट को न्याय नहीं कहते हैं। क़ानून का तकाजा है कि सभी को न्याय मिले। इसलिए सरकार ऐसा तंत्र बनाए जिससे लोग मर्यादापूर्ण तरीके से गोपनीयता के साथ अपनी शिकायतें सत्ता तक पहुंचा सकें और न्याय दिला सकें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए हमने जनमंच की व्यवस्था बनाई थी, उसे सुक्खू सरकार ने बंद कर दिया।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1100 की व्यवस्था बनाई थी, जिसे भगवान् भरोसे छोड़ दिया। आज हिमाचल के लोगों की 11 हजार से ज्यादा शिकायतें ऐसी है, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल में लोगों के काम न रुके और उन्हें परेशान न होना पड़े। उसके लिए हमने जनमंच और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की व्यवस्था की थी। जनमंच में तो हर मंडल मुख्यालय पर शासन-प्रशासन के लोग जुटते थे और मौके पर ही हजारों शिकायतों का निपटारा होता था।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारे सरकार के समय की योजनाएं बंद करने से अगर हिमाचल के लोगों का भला हो रहा है तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सारी योजनाएं बंद कर दे। हिमाचल के लोगों ने कांग्रेस को हिमाचल का भला करने के लिए सत्ता सौंपी है न कि बदले की राजनीति के लिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने जनमंच जैसी जनहितकारी योजना को बंद कर दिया, लेकिन उसके बदले कौन सी योजना लाए, जिससे लोग सरकार के साथ जुड़े रह सकें और अपनी समस्याओं का समाधान करवा सके। जनमंच के बदले सरकार ने ऐसी कौन सी योजना शुरू की है जिससे सरकार के लोग सीधे लोगों तक पहुंच सके और अपनी बातें रख सकें।
उन्होंने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थिति सबको पता हैं। ऐसे में न्याय का तकाज़ा यही है कि लोग आसानी से अपनी बात सरकार तक पहुंचा सके और सरकार लोगों की मदद कर सके। इसके लिए जरुरी हैं कि सरकार ऐसा तंत्र विकसित करे जिससे लोग आसानी से सरकार से जुड़ सकें और अपनी शिकायतें रख सकें।