28 फरवरी को शुरू होगा कुल्लू साहित्य उत्सव-2024, देशभर से वरिष्ठ साहित्यकार-विचारक होंगे शामिल

 हिमाचल प्रदेश में कुल्लू साहित्य उत्सव-2024 का शुभारंभ 28 फरवरी को होगा. ये आयोजन जिला मुख्यालय ढालपुर के देवसदन सभागार में किया जाएगा. कुल्लू साहित्य उत्सव कोर समिति के सदस्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. निरंजन देव ने बताया कि इस साहित्य उत्सव में जहां देश के वरिष्ठ एवं स्थापित साहित्यकार, पर्यावरणविद, पत्रकार एवं फिल्मकार विभिन्न समसामयिक विषयों पर अपनी बात रखेंगे. इसके अलावा नवोदित कवि-लेखक एवं रंगकर्मियों द्वारा उत्सव में अपने विचारों को दूसरों से साझा किया जाएगा.

इन विषयों पर होगी चर्चा: डाॅ. निरंजन देव ने बताया कि कुल्लू साहित्य उत्सव-2024 का आयोजन हिमतरु प्रकाशन समिति, कुल्लू द्वारा भाषा संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश के समन्वय से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस उत्सव का उद्देश्य हिमाचल जैसे दूर-दराज के क्षेत्र में नई पहाड़ी पौध में पठन-पाठन और साहित्य के प्रति रुचि पैदा करना है, ताकि विद्यार्थियों और साहित्य प्रेमियों में स्त्री, जाति, लोकतंत्र, पर्यावरण, आदिवासी के विषयों में डिस्कशन तकनीक विकसित हो सके.

11 वक्ता आमंत्रित: कुल्लू साहित्य उत्सव के आयोजन को लेकर डाॅ. निरंजन देव ने बताया कि 28 फरवरी से 1 मार्च तक देवसदन में आयोजित होने वाले इस साहित्य उत्सव में मुख्यत 11 वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है. जिनमें देश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रकाश, पहाड़ पत्रिका के संपादक एवं पर्यावरणविद- साहित्यकार शेखर पाठक, ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक ओम थानवी, वरिष्ठ साहित्यकार एवं दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवं विचारक बजरंग बिहारी तिवारी, डाॅ. स्नेहलता नेगी और डाॅ. नीलम, जामिया मिलिया इस्लामिया की प्रोफसर एवं विचारक डाॅ. हेमलता महीश्वर फिल्मकार एवं प्रकाशक संजय जोशी, भारतीय आदिवासी लेखिका एवं कवयित्री वंदना टेटे, युवा एवं चर्चित कवि अनुज लुगुन और गीत चतुर्वेदी और साहित्य, दलित विमर्श, स्त्री विमर्श, पर्यावरण, आदिवासी विमर्श और साहित्य एवं सिनेमा के अंतरसंबंधों पर अपने विचार रखेंगे.

हिमाचल के कवि-लेखक भी आमंत्रित: डाॅ. निरंजन देव ने बताया कि कुल्लू साहित्य उत्सव का आयोजन 28 फरवरी से 1 मार्च तक होगा. जिसमें 28 और 29 फरवरी को विचार-गोष्ठी एवं कवि-सम्मेलन, जबकि 1 मार्च को स्थानीय भ्रमण के दौरान कविता, कहानी और डिस्कशन को लेकर पत्र प्रस्तुतीकरण एवं अनौपचारिक बातचीत होगी. निरंजन देव ने जानकारी दी कि हिमाचल से बाहर से आमंत्रित वक्ताओं के अलावा हिमाचल प्रदेश के कवि-लेखकों को भी विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है.