हिमाचल परिवहन की ओर से वीआईपी नंबरों की नीलामी अब रंग लाने लगी है. लोगों ने उसमें अपनी रुचि दिखानी शुरू कर दी है और महंगे दामों पर वीआईपी नंबर खरीदने लगे हैं. बीते दिनों परिवहन विभाग की ओर से चार वीआईपी नंबरों के लिए की गई ऑनलाइन नीलामी में सुजानपुर के प्रदीप सिंह ने 16 लाख रुपये में एचपी 84 0001 नंबर खरीदा है. वहीं, करसोग के भाजपा विधायक दीपराज ने साढ़े 12 लाख रुपये में एचपी 30 0001 नंबर लिया है.
धर्मशाला के नेकराम ने साढ़े 8 लाख और कुमारसैन के नितिन गोयल ने भी साढ़े 8 लाख रुपये की बोली लगाकर वीआईपी नंबर खरीदा है. परिवहन विभाग को इससे 45 लाख 50 हजार रुपये की कमाई हुई है. आरएलए सुजानपुर, कुमारसैन, धर्मशाला और करसोग में यह सीरिज खोली गई है. परिवहन विभाग ने वीआईपी नंबरों का नीलामी का फैसला लिया था, जिसमें कोई भी व्यक्ति वीआईपी नंबर बोली लगाकर खरीद सकता है. विभाग ने इसके लिए नियम भी बनाए हैं कि कोई यदि धोखाधड़ी करता है तो उसके ऊपर कार्रवाई भी की जाएगी.
वीआईपी नंबर के लिए पंजीकरण फीस दो हजार रुपये रखी गयी है. यह राशि वापस नहीं होती है. बोली के न्यूनतम मूल्य की 30 फीसदी राशि जो डेढ़ लाख बनती है, जमा करानी होती है. विभाग ऑनलाइन बोली से अब तक 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर चुका है. परिवहन विभाग ने 3,155 फैंसी नंबर अलॉट किए हैं. 0001 नंबर पहले सरकारी गाड़ी के लिए आरक्षित था. विभाग ने नियम बदलकर यह नंबर अलॉट करना शुरू कर दिया है.
परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप ने बताया कि ऑनलाइन बोली से परिवहन विभाग को करोड़ों रुपये की आय हो रही है. ऑनलाइन नंबर आवंटन करने में पारदर्शिता बरती जा रही है. इससे पहले लोगों को वीआईपी नम्बर आसानी से नहीं मिल पाता था, लेकिन अब विभाग ने फैसला लिया है कि कोई भी व्यक्ति 0001 नवंबर भी बोली लगाकर खरीद सकता है और अपना मनपसंद नंबर ले सकता है.