जिला हमीरपुर में मम्स रोग के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों और अस्पतालों से एहतियात बरतने की अपील की है. हमीरपुर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर के अग्निहोत्री ने बताया कि हमीरपुर जिला में मम्स के मामलों में बढ़ोतरी होने के चलते जिले में टीमों ने 50 स्कूलों में जाकर छात्रों के स्वास्थ्य की जांच की है.
स्कूलों को जारी किए निर्देश: स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीमों ने 11,834 छात्रों की जांच की और शिक्षकों को भी हिदायत दी गई है कि संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर छात्रों को 5 दिन स्कूल न बुलाया जाए. सीएमओ ने जिले के सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि अगर किसी भी बच्चे में मम्स के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जाए. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की 14 टीमों का गठन किया गया है, जोकि स्कूलों में आईईसी स्कैनिंग कर रही है.
कितने दिन तक रहता है मम्स संक्रमण? सीएमओ डॉ. आरके अग्निहोत्री ने बताया कि वर्तमान में हमीरपुर जिले में मम्स के 32 मामले एक्टिव पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह एक संक्रामक रोग होता है और वायरस के कारण फैलता है और इसकी अवधि 5 दिन होती है. उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि मम्स संक्रमण होने की स्थिति में बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न लें, न ही कोई भी इलाज करें.
किस उम्र में मम्स संक्रमण का ज्यादा खतरा? सीएमओ डॉ. आरके अग्निहोत्री ने बताया कि मम्स एक संक्रामक रोग है. ये रोग खांसने छींकने और हाथ मिलाने से एक से दूसरे में फैलता है. उन्होंने बताया कि ये संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन अधिकतर 5 से लेकर 12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे इसकी चपेट में आते हैं. बच्चों पर मम्स संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है.
मम्स संक्रमण के लक्षण: सीएमओ डॉ. आरके अग्निहोत्री ने बताया कि मम्स संक्रमण होने पर कुछ मुख्य लक्षणों द्वारा इसकी पहचान की जा सकती है. इसमें बुखार होना, सिर दर्द, गले में दर्द इत्यादि होता है. वहीं, मम्स संक्रमण होने पर कान के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है. उन्होंने बताया कि जिले के सभी बीएमओ को यह निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में जाकर ही स्क्रीनिंग की जाए, क्योंकि हर घर जाकर स्क्रीनिंग कर पाना संभव नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाएं और 15 से लेकर 18 साल आयु वर्ग के लोग इस बात का विशेष ध्यान रखें की संक्रमण उनसे दूर ही रहे.