75वां गणतंत्र दिवस: क्या है इस बार खास और क्या है थीम, जानें एक नजर में

आज यानी शुक्रवार को देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. 26 जनवरी वह तारीख है जब 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था. हमेशा की तरह, सभी की निगाहें वार्षिक गणतंत्र दिवस परेड पर होंगी. परेड में भारत की सैन्य ताकत होगी और सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित होती है.

इस साल की परेड के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन हैं. वह दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत करते हुए गुरुवार को जयपुर पहुंचे. राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन (डीडी) सुबह 9 बजे परेड का लाइव कवरेज शुरू करेगा. आप इस कार्यक्रम को डीडी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल और टीवी पर इसके समाचार चैनल डीडी नेशनल पर लाइव देख सकते हैं.

इसके अतिरिक्त फ्रांस भी परेड में भाग लेगा. फ्रांस के राष्ट्रपति इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं. यूरोपीय राष्ट्र का 95 सदस्यीय मार्चिंग दल और 33 सदस्यीय बैंड दल कार्तव्य पथ, जो पहले राजपथ था, पर मार्च करेगा. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र प्रमुख के तौर पर राष्ट्र को संबोधित किया. मुर्मू आज परेड में मार्च करने वाली टुकड़ियों से सलामी लेंगी.

देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. राजधानी दिल्ली, राजपथ पर भव्य रेजिमेंटल परेड का गवाह बनेगी, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस और अर्धसैनिक संगठनों की भागीदारी होगी. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन मुख्य अतिथि के रूप में परेड के दौरान उपस्थित रहेंगे.

गणतंत्र दिवस की थीम : कर्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस समारोह की थीम महिला केंद्रित है – ‘विकसित भारत’ और ‘भारत – लोकतंत्र की जननी’. रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने दोहराया कि थीन को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों के अनुसार चुना गया था कि ‘भारत लोकतंत्र की सच्ची जननी है’.

परेड की अवधि: गणतंत्र दिवस परेड लगभग 90 मिनट की अवधि तक चलेगी. समारोह की शुरुआत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की यात्रा से होगी, जहां वह पुष्पांजलि अर्पित करके शहीद नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे. इसके बाद, प्रधान मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर जाएंगे.

राष्ट्रीय ध्वज फहराना : परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और उसके बाद राष्ट्रीय गान के साथ स्वदेशी बंदूक प्रणाली 105-मिमी भारतीय फील्ड गन के साथ 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 IV हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर फूलों की वर्षा करेंगे. इसके बाद ‘आवाहन’ नामक बैंड प्रदर्शन होगा, जिसमें 100 से अधिक महिला कलाकार विभिन्न प्रकार के ताल वाद्ययंत्र बजाते हुए शामिल होंगी.

परेड की शुरुआत राष्ट्रपति की ओर से सलामी लेने के साथ होगी. परेड की कमान परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, दिल्ली एरिया, दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी की ओर से की जाएगी. मेजर जनरल सुमित मेहता, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र परेड सेकेंड-इन-कमांड होंगे.

वीरता पुरस्कार : सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवशाली विजेताओं का अनुसरण किया जाएगा. उनमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेन्द्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त), और अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल सीए पीठावाला (सेवानिवृत्त), कर्नल डी श्रीराम कुमार और लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल हैं. परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है, जबकि अशोक चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के अलावा अन्य कार्यों के लिए दिया जाता है.

IAF शो : भारतीय वायुसेना एक चकाचौंध एयर शो के लिए पूरी तरह तैयार है. भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के अनुसार, इस साल के गणतंत्र दिवस फ्लाईपास्ट में 29 लड़ाकू विमान, आठ परिवहन विमान, 13 हेलीकॉप्टर और एक हेरिटेज विमान सहित कुल 51 एलएएफ विमान भाग लेंगे. भारतीय सेना के चार विमान और भारतीय नौसेना का एक विमान भी भारतीय वायुसेना के विमान के साथ दो अलग-अलग संरचनाओं में उड़ान भरेंगे. ये सभी विमान छह अलग-अलग बेस से संचालित होंगे.

झांकी का प्रदर्शन: परेड का एक और मुख्य आकर्षण ‘राष्ट्र निर्माण: पहले भी, अब भी, आगे भी और हमेशा’ थीम पर बनायी गई झांकियां होंगी. इसमें देश की सेवा में पूर्व सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को प्रदर्शित किया जाएगा.

इस वर्ष गणतंत्र दिवस उत्सव में महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी प्रदर्शित हुई है. एक और उल्लेखनीय पहलू है कि परेड देखने के लिए लगभग 13,000 विशेष मेहमानों को दिया गया निमंत्रण है. यह दृष्टिकोण सरकार के जन भागीदारी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य विविध पृष्ठभूमि के लोगों को राष्ट्रीय उत्सव में सक्रिय रूप से शामिल होने का अवसर प्रदान करना है.