Ram Mandir: सिर्फ 84 सेकंड में पीएम मोदी करेंगे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, हर मिनट है महत्वपूर्ण; पढ़ लें पूरा शेड्यूल
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभ मुहूर्त सिर्फ 84 सेकंड तक रहेगा। पीएम मोदी दोपहर 122903 से लेकर 123035 बजे तक पूजा-अर्चना में शामिल होंगे। मुख्य यजमान के तौर पर पीएम मोदी अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह और अन्य कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए चार घंटे अयोध्या में बिताएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 1025 बजे स्पेशल विमान से अयोध्या एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे।
Ram Mandir PM Modi Schedule। अयोध्या में आज अवध बिहारी यानी भगवान राम के बाल स्वरूप की प्राण-प्रतिष्ठा होने वाली है। पीएम मोदी मुख्य यजमान हैं। आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर अयोध्या स्थित राम मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।
84 सेकंड का बन रहा महासंयोग
इस समारोह का शुभ मुहूर्त सिर्फ 84 सेकंड तक रहेगा। पीएम मोदी दोपहर 12:29:03 से लेकर 12:30:35 बजे तक पूजा-अर्चना में शामिल होंगे। मुख्य यजमान के तौर पर पीएम मोदी अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह और अन्य कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए चार घंटे अयोध्या में बिताएंगे।
पीएम मोदी का अयोध्या में आज का शेड्यूल
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10:25 बजे स्पेशल विमान से अयोध्या एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे।
- सुबह 10:55 बजे हेलीकॉप्टर से राम जन्मभूमि परिसर में आएंगे।
- सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे राम जन्मभूमि परिसर का भ्रमण करेंगे।
दोपहर करीब 2 बजकर 10 मिनट पर पीएम मोदी अयोध्या में कुबेर टीला जाएंगे। इसके बाद वो दिल्ली लौट आएंगे।
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अनुसार, राम मंदिर एक तीन मंजिल मंदिर है।
- प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है।
- राम मंदिर में कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं।
- मंदिर को नागर शैली वास्तुकला के जरिए बनाया जा रहा है।
- मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी।
- मंदिर में 5 मंडप होंगे। नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप।
- दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।
- मंदिर परिसर में पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा।
- मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और ऋषिपत्नी देवी अहिल्या की मंदिर भी बनाई जा रही है।
- मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा।
- मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।