एसएफआई की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) इकाई ने छात्रों की समस्याओं तथा कैंपस व हॉस्टल के मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। इसमें यूजी व पीजी (UG & PG) के परीक्षा परिणाम को जल्द घोषित करने के साथ-साथ विश्वविद्यालय के ईआरपी सिस्टम को जल्द सुदृढ़ करने की मांग की गई।
एएफआई (SFI) ने कहा कि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में पीने के पानी की सुचारू व्यवस्था की जाए व नियमित रूप से सफाई की जाए। विश्वविद्यालय में नए हॉस्टलों का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाए। सभी छात्रों को हॉस्टल की सुविधा दी जाए। हॉस्टलों में खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए। सभी छात्रावासों को 24 घंटे खुला रखा जाए। छात्रों के जनवादी अधिकार छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएं।
नए हॉस्टल का निर्माण कार्य भी धीमा…
धरने प्रदर्शन को शुरू करते हुए कैंपस अध्यक्ष आशा जिंटा ने कहा कि छात्रावासों के लिए पैसा तक आ चुका है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक नए छात्रावासों को बनाने में नाकाम रहा है। वर्ष 1970 से यह विश्वविद्यालय बना है तथा अभी तक इस विश्वविद्यालय में नौ कन्या छात्रावास तथा चार छात्रावास छात्रों के लिए है। विश्वविद्यालय का केवल एक तिहाई छात्र-छात्राएं ही हॉस्टलों के अंदर रह पाते हैं। बाकी सभी छात्रों को सांगटी जैसी जगहों में रहना पड़ता है, जहां पर छात्र-छात्राओं को विलासिता भरी जिंदगी जीनी पड़ती है। छात्रावासों के अंदर भी हालात कुछ ठीक नहीं है।
खाने की गुणवत्ता पर भी उठाए सवाल…
होस्टल में छात्रों को गुणवत्ता वाला भोजन खाने को नहीं मिलता है। जिस वजह से छात्र-छात्राएं लगातार बीमारी का शिकार हो रहे है। खराब पानी व खाने की वजह से छात्रों को पथरी तथा अन्य कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इस कारण वे पढ़ाई की ओर भी ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए खाने की गुणवत्ता बढ़ाई जाए।
छात्रावासों के अंदर मेडिकल रूम के नाम पर कुछ नहीं है। जुकाम-बुखार की बीमारी के लिए भी विश्वविद्यालय की डिस्पेंसरी और आईजीएमसी (IGMC) जाना पड़ता है। छात्रावासों का डाइट रेट भी लगातार बढ़ रहा है, जोकि बहुत ज्यादा दिक्कत का कारण है। एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।