गांव के घर में मिट्टी का चूल्हा देख लोगों को याद आया बचपन, क्या आपने खाया है चूल्हे पर बना खाना?

इस तेजी से भागती हुई आधुनिक दुनिया में हम ऐसा बहुत कुछ पीछे छोड़ आए जो कभी हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण था. आज अधिकतर दुनिया खाना पकाने के लिए गैस चूल्हा, स्टोव, इंडक्शन और माइक्रोवेव का इस्तेमाल कर रही है. लेकिन कुछ दशक पहले तक खाना पकाने की बात पर सबसे पहले मिट्टी का वो चूल्हा याद आता था, जिसे हमारी दादी-मां हर रोज लीप कर नए जैसा बना देती थीं.

मिट्टी के चूल्हे की यादें

जैसे-जैसे तकनीक ने तेजी से प्रगति की, साधारण चूल्हे की जगह फैंसी और वन-टच कुकिंग रेंज ने ले ली. हालांकि, अभी भी कुछ ग्रामीण घरों में मिट्टी के चूल्हों ने अपनी जगह बनाई हुई है. इन मिट्टी के चूल्हों को देखने के लिए लोग अब संग्रहालय या एतिहासिक तर्ज पर बने रेस्टोरेंट्स का रुख करते हैं. इन्हें देख बहुत से लोगों को अपना बचपन याद आ जाता है.

मिट्टी का चूल्हा देखते ही लोगों को याद आया बचपन

ट्विटर पर भी लोगों की पुरानी यादें उस समय ताजा हो गईं जब मिट्टी के चूल्हे की एक तस्वीर वायरल होने लगी. महाकवि दिनकर नामक एक ट्विटर पेज ने इस ‘मिट्टी के चूल्हे’ की एक तस्वीर पोस्ट की. इसे देखते ही लोग पुरानी यादों के गलियारे की सैर करते हुए बचपन की यादें ताजा करने लगे. इस तस्वीर में एक ग्रामीण घर के अंदर मिट्टी का चूल्हा दिखाया गया है. इसके बगल में लकड़ी की एक छोटी पीढ़िया और चूल्हे पर रखी एक कड़ाही भी देखी जा सकती है. ये तस्वीर आपको खुशी देने के साथ साथ उस समय की याद भी दिलाएगी जब जीवन बेहद सरल था.

महाकवि दिनकर नामक इस पेज ने इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा कि, “जिस गांव में मैं पैदा हुआ था, उसके सामने लंदन और मॉस्को कुछ भी नहीं हैं.” इसके बाद लोग पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देकर अपनी भावनाएं साझा करने लगे.

लोगों ने कुछ इस तरह से अपनी प्रतिक्रिया दी

चूल्हा कभी घरों का अभिन्न अंग हुआ करता था. लेकिन नए जमाने की तकनीक ने पारंपरिक खाना पकाने के तरीके को आधुनिक तरीकों से बदल दिया है. हालांकि कुछ ग्रामीण घरों में ये मिट्टी का चूल्हा आज भी उतनी ही अहमियत रखता है जितना तब रखता था जब इसकी खूब पूछ थी.