मंगलवार 23 मई को UPSC सिविल सर्विस एग्जाम के परिणाम सामने आते ही कई लोगों को उनकी मेहनत का फल मिल गया. लाखों दिल भी टूटे मगर कुछ ऐसी कहानियां भी सामने आईं जो आने वाले समय में अपने परिणाम से निराश हुए लोगों को हिम्मत देंगी. ऐसी ही एक कहानी है दिल्ली पुलिस साइबर सेल, दक्षिण पश्चिम जिले के हेड कांस्टेबल राम भजन की.
कांस्टेबल ने पास की यूपीएससी की परीक्षा
एक कांस्टेबल के रूप में काम कर रहे 34 वर्षीय राम भजन अब अधिकारी बनेंगे. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 667वां ऑल इंडिया रैंक प्राप्त किया है. उनकी इस सफलता के बाद पूरे दिल्ली पुलिस परिवार ने उन्हें बधाई दी है. दिल्ली पुलिस के लिए राम भजन की ये उपलब्धि गर्व का क्षण है. कड़ी मेहनत, दृढ़ता, धैर्य और अटूट समर्पण की एक मिसाल पेश करते हुए दिल्ली पुलिस परिवार का एक सदस्य इतनी प्रतिष्ठित परीक्षा में बेहतरीन परिणाम लाया है.
राम भजन ने अपनी कड़ी मेहनत से एक बार फिर ये साबित किया है कि समय की करवट आपको फर्श से अर्श तक पहुंचा सकती है. एक हेड कॉन्स्टेबल रहते हुए उन्होंने बड़े अफसरों को सलाम किया है लेकिन अब UPSC क्लियर करने के बाद वह खुद बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगे.
दिल्ली पुलिस है बेहद खुश
दिल्ली पुलिस परिवार ने इस खुशी को ट्विटर के माध्यम से शेयर किया है. उन्होंने साइबर सेल, साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के हेड कांस्टेबल राम भजन को #UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 667वीं रैंक हासिल करने पर हार्दिक बधाई दी है. हेड कॉन्स्टेबल राम भजन की ये उपलब्धि इसलिए भी बड़ी है क्योंकि उन्होंने दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए UPSC CSE की तैयारी की और इस परीक्षा में बेहतरीन परिणाम भी पाए.
पिता ने मजदूरी कर पढ़ाया
राजस्थान के दौसा जिले के बापी गांव के कांस्टेबल रामभजन के पिता एक मजदूर थे. अपनी इसी मजदूरी के दम पर उन्होंने अपने इस बेटे को पढ़ाया. बेटा रामभजन पढ़ लिख कर सरकारी नौकरी पा सके इसके लिए पिता ने 18 घंटे तक मेहनत की. इधर बेटे ने भी पिता के इस त्याग फल उन्हें देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. रामभजन जब राजस्थान में पुलिस की नौकरी ना पा सके तो उन्होंने दिल्ली पुलिस में भर्ती होने का प्रयास किया और कांस्टेबल बन गए.
बेटे ने कर दिया नाम रोशन
गरीब माता पिता इसी में बेहद खुश थे कि उनका बेटा पुलिस में कांस्टेबल लग गया है लेकिन इधर बेटे के सपने बहुत ऊंचे थे. उन्होंने ये ठान लिया कि उन्हें यूपीएएसपी की परीक्षा पास करनी है और इसे ही अपना लक्ष्य मान अपनी ड्यूटी के साथ साथ तैयारी में जुट गए. दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल राम भजन ने अपने इस सफर के बारे में बताया कि ये उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है. उनका ये आठवां प्रयास था. ओबीसी श्रेणी से होने के कारण वह नौ बार परीक्षा में बैठ सकते हैं. उनके पास एक आखिरी मौका बचा था. उनका कहना है कि अगर, वह इस बार सफल नहीं होते तो अगले प्रयास की तैयारी में जुट जाते.
रैंक सुधारने के लिए फिर से देंगे परीक्षा
उनका कहना है कि अब भी वह अपनी रैंक में सुधार लाने के लिए 28 मई को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में फिर से शामिल हो रहे हैं. पीटीआई-भाषा से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था. वह राजस्थान के एक गांव से संबंध रखते हैं. उनके पिता एक मजदूर थे. उनका कहना है कि उन्होंने ये सब देखा है कि कैसे उनके परिवार ने उन्हें शिक्षित करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कैसे संघर्ष किया. उन्होंने तब भी उम्मीद नहीं खोई थी. अब उनकी इस उपलब्धि के बारे में सूचना मिलते ही उनके परिवार सहित पूरे गांव में खुशी का माहौल बन गया.