नाहन, 14 जनवरी : हिमाचल प्रदेश के नाहन विकासखंड के शंभूवाला के भूड़ गांव से ताल्लुक रखने वाले जांबाज कैप्टन अजीत सिंह ने कर्तव्य निष्ठा व अदम्य साहस बदौलत वीरता की एक शानदार इबारत लिखी है। भारतीय सेना (Indian Army) ने कैप्टन अजीत सिंह को अनुकरणीय उदाहरण पर वीरता के लिए सेना मैडल (Medal) से नवाजा है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि यह बेहद ही फक्र की बात है कि उनके बेटे को वीरता के लिए सेना मैडल से नवाजा गया है। परेड ग्राउंड में शनिवार को सेना दिवस के अवसर पर कैप्टन अजीत सिंह को दिल्ली में सेना पदक से नवाजा गया।
ऐसे लिखी थी वीरता की दास्तां
29 अप्रैल 2022 को जम्मू व कश्मीर (Jammu & Kashmir) के पुंछ की कृष्णा घाटी में आतंकवादियों (Militants) ने बारूदी सुरंग (Land Mine) बिछाई थी। ब्लास्ट (Blast) होने की वजह से सेना के एक अधिकारी, जेसीओ (JCO) और एक जवान बुरी तरह जख्मी हो गए थे। सेना का दल एक ऑपरेशन पर था। घटना के बाद कैप्टन अजीत सिंह तनिक नहीं घबराए, बल्कि बुद्धिमता व जान की परवाह (don’t care about life) न करते हुए पहले घायलों तक पहुंचने के लिए रास्ता क्लियर किया। मामूली सी गलती पर खुद की जान भी जा सकती थी। इसके बाद धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए माइन फील्ड (Mine Field) से अधिकारी सहित दो अन्य घायलों को रेस्क्यू (Rescue) कर लिया। जख्मी हालत में अधिकारी सहित घायलों को फर्स्ट एड (first aid) देने के बाद अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान कैप्टन अजीत सिंह ने न केवल बहादुरी का परिचय दिया, बल्कि आतंकियों को भी सबक दिया कि चाहे लाख कोशिश कर लो डर कर पीछे नहीं हटने वाले।
आपको बता दें कि रेस्क्यू के दौरान कैप्टन अजीत सिंह ने केवल उन्हीं उपकरणों (Instruments) का इस्तेमाल किया जो उनके पास थे। परिवार के मुताबिक अजीत सिंह ने भारतीय सेना में 28 साल तक सेवाएं प्रदान की। 47 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होकर घर लौट आए है। सेना पदक सेवानिवृत होने के बाद मिला है।
उल्लेखनीय है कि कैप्टन अजीत सिंह को सेना मैडल पुरस्कार की घोषणा 26 जनवरी 2023 के मौके पर की गई थी। शनिवार को दिल्ली के करिअप्पा परेड ग्राउंड (Cariappa Parade Ground) में आयोजित एक कार्यक्रम में अजीत सिंह को वीरता पुरस्कार से नवाजा गया। 15वीं डोगरा रेजिमेंट (Dogra Regiment) में सेवारत रहे कैप्टन अजीत सिंह की वीरता पर समूचा इलाका गौरवान्वित महसूस कर रहा है।