Exclusive: ऑस्ट्रेलियन ओपन में मार्गरेट कोर्ट से आगे निकल सकते हैं नोवाक जोकोविच, सानिया मिर्जा ने की बड़ी भविष्यवाणी
भारत की पूर्व महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा का मानना है कि ऑस्ट्रेलियन ओपन ही वो टूर्नामेंट है जहां नोवाक जोकोविक मार्गरेट कोर्ट के सबसे ज्यादा ग्रैंडस्लैम जीतने के रिकार्ड को तोड़ सकते हैं। वर्ष के पहले ग्रैंडस्लैम की शुरुआत 14 जनवरी से होगी। सानिया का कहना है कि भविष्य में जोकोविच का रिकॉर्ड तोड़ने वाला कोई खिलाड़ी नजर नहीं आता है।
भारत की पूर्व महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा का मानना है कि ऑस्ट्रेलियन ओपन ही वो टूर्नामेंट है जहां नोवाक जोकोविक मार्गरेट कोर्ट के सबसे ज्यादा ग्रैंडस्लैम जीतने के रिकार्ड को तोड़ सकते हैं। वर्ष के पहले ग्रैंडस्लैम की शुरुआत 14 जनवरी से होगी जिसका प्रसारण सोनी स्पोर्ट्स पर किया जाएगा। शोभित चतुर्वेदी ने सानिया मिर्जा से की विशेष बातचीत, पेश हैं मुख्य अंश :
ऑस्ट्रेलियन ओपन शुरू होने वाला है और नोवाक जोकोविक के पास यहां करियर का 25वां ग्रैंडस्लैम जीतकर मार्गरेट कोर्ट को पीछे छोड़ पुरुष और महिला खिलाडि़यों में सबसे ज्यादा ग्रैंडस्लैम जीतने का अवसर रहेगा। क्या जोकोविक ऐसा कर सकेंगे?
जोकोविक ने हमेशा यही कहा है कि वह सिर्फ रिकार्ड के लिए ही खेलते हैं। कई लोग उनसे पूछते हैं कि आप किस चीज को चेज करते हैं और जोकोविक हमेशा कहते हैं कि उन्हें आंकड़ों के लिहाज से सर्वकालिक महान खिलाड़ी बनना है। आस्ट्रेलियन ओपन में जोकोविक का शानदार रिकार्ड रहा है और अन्य ग्रैंडस्लैम की तुलना में वह यहां बहुत सहज रहते हैं, इसलिए उन्होंने 10 बार आस्ट्रेलियन ओपन जीता है।
ऑस्ट्रेलियन ओपन ही वो टूर्नामेंट है जहां जोकोविक सबसे ज्यादा ग्रैंडस्लैम जीतने का रिकार्ड अपने नाम कर सकते हैं। यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि जोकोविक आस्ट्रेलियन ओपन में ऐसा कर पाएंगे या नहीं। यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक होगा और खुद जोकोविक के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। वह ऐसा कर सकते हैं क्योंकि जोकोविक अभी भी बेहतरीन लय में चल रहे हैं।
क्या भविष्य में कोई खिलाड़ी जोकोविक के रिकार्ड को तोड़ पाएगा?
हमें मानना तो यही होगा कि कोई खिलाड़ी ऐसा आएगा जो जोकोविक के रिकार्ड को भी तोड़ेगा। हर युग में ऐसा एक खिलाड़ी होता है जो महान खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाता है। एक युग में पीट संप्रास थे, कभी बोरिस बेकर थे। हम काफी भाग्यशाली हैं कि हमारे युग में हमें तीन महान खिलाड़ी देखने मिले जो किसी भी खेल में कम देखने को मिलता है।
आंकड़ों के हिसाब से देखें तो रोजर फेडरर, राफेल नडाल और जोकोविक एक दूसरे के करीब ही हैं। हां, नंबर को देखें तो जोकोविक आगे निकल चुके हैं और कोई तुलना ही नहीं रही क्योंकि फेडरर संन्यास ले चुके हैं और नडाल वापसी के बाद फिर चोटिल हो गए हैं।
वहीं, जोकोविक धीमे पड़ते दिखाई नहीं दे रहे हैं और कभी संन्यास लेने की बात भी नहीं करते हैं। जोकोविक इस पल का आनंद ले रहे हैं। हां, कार्लोस अलकराज ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें माना जा रहा है कि वह अगले युग के महान खिलाड़ी होंगे और उन्होंने अपनी छाप भी छोड़ी है। अलकराज भी चोटिल होते रहते हैं। महान खिलाड़ी बनने के लिए यह जरूरी होता है कि कितने लंबे समय तक आप अपनी फिटनेस या लय बरकरार रख सकते हैं, जैसा जोकोविक कर रहे हैं।
नडाल चोट से परेशान रहते हैं। क्या आपको लगता है कि नडाल जोकोविक के करीब पहुंच पाएंगे?
ऐसा नहीं है कि जोकोविक ने संन्यास ले लिया है। नडाल खेलेंग तो जोकोविक भी खेलेंगे और जितना नडाल जीतेंगे उतना ही जोकोविक भी जीतते जाएंगे। इन दोनों में से एक के संन्यास लेने के बाद ही हमें पता चलेगा कि लक्ष्य है क्या। देखने में तो अभी भी लगता है कि जोकोविक इस साल तीन या चार ग्रैंडस्लैम जीत सकते हैं। वह हमेशा कहते हैं कि उनका लक्ष्य गोल्डन स्लैम है। नडाल का शरीर साथ दे तो कुछ भी संभव है।
भारत में ऐसा कोई खिलाड़ी आपके बाद नहीं दिखा जिसे देखकर लगे कि हां यह खिलाड़ी कुछ कर सकता है। ऐसा क्यों?
मैंने हमेशा ही यह कहा है कि काश कोई भारतीय होता जो सिंगल्स में मेरे अलावा भी देश का प्रतिनिधित्व करता। पुरुषों में फिर भी हमारी स्थिति अच्छी है, लेकिन महिलाओं में यह चिंता की बात है कि कोई ऐसा खिलाड़ी फिलहाल नहीं दिख रहा। सुमित नागल बेहतर कर रहे हैं और मैं आशा करती हूं कि आने वाले समय में हमें इस स्थिति में परिवर्तन देखने मिले।