केंद्र सरकार द्वारा देश भर में चलाया जा रहा नशा मुक्त भारत अभियान प्रदेश में भी पूरी गति के साथ आगे बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। देश भर में इस अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साथ 4 मार्च 2023 को एक एमओयू साईन किया है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय देश के 372 जिलों में अगले तीन वर्षों में इस अभियान को निरतंर चलाएगा।
हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों का इसमें चयन किया गया है जिसमें मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा, सोलन और शिमला शामिल हैं। मंडी जिला में बीती 31 मई से इस अभियान की शुरूआत कर दी गई है। एक विशेष वाहन जिला भर में गांव-गांव में जाकर नशे के खिलाफ जागरूकता का संदेश दे रहा है।
वहीं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मंडी की टीम के सदस्य जिला के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, गांवों, ग्राम पंचायतों, युवा मंडलों, महिला मंडलों, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों सहित अन्य स्थानों पर जाकर आम लोगों, युवाओं और बच्चों को नशे के खिलाफ जागरूक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ब्रह्माकुमारी टीना ने बताया कि जिला में अभी तक 150 से अधिक कार्यक्रम किए जा चुके हैं और अगले तीन वर्षों तक हर गांव और हर शिक्षण संस्थान तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।
वहीं, बच्चे केंद्र सरकार की इस मुहिम से खासे प्रभावित नजर आ रहे हैं। बच्चों के दिमाग में इस बात को ही नहीं डाला जा रहा कि नशे के कारण क्या शारीरिक दुष्प्रभाव होते हैं बल्कि उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि इससे नशा करने वाले की सामाजिक और पारिवारिक छवि कितनी खराब होती है। यही कारण है कि बच्चे इस अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जता रहे हैं। बच्चों और लोगों को नशे से दूर रहने की शपथ भी इस दौरान दिलाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नशा मुक्त बनाने के लिए यह अभियान चलाया है। प्रधानमंत्री की सोच है कि देश की युवा और भावी पीढ़ी नशे की गर्द में जाने के बजाय देश की उन्नति और तरक्की के लिए काम करे।