पिछले एक साल से राज्य महिला आयोग को चेयरपर्सन का इंतजार है, लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार इस पद पर नई नियुक्ति नहीं कर पाई है। नई सरकार को भी एक साल से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन इस पद पर नई नियुक्ति नहीं हो पाई है। इसका सीधा असर महिला आयोग से आ रही लगातार शिकायतों पर पड़ रहा है।
दरअसल, बिना चेयरपर्सन के महिला आयोग में किसी भी केस की सुनवाई नहीं हो सकती है। इसके लिए चेयरपर्सन का होना जरूरी है। ऐसे में महिला आयोग में हर जिला से शिकायतें मिल रही है, लेकिन इन मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है। गौर रहे कि राज्य महिला आयोग में महिलाओं से जुड़े विभिन्न मामलों पर सुनवाई होती है। जिसमें महिलाओं पर हो रहे अत्याचार घरेलू हिंसा, मारपीट, दहेज उत्पीड़न आदि की शिकायतों के निपटारे के लिए यहां कोर्ट लगता है। इससे पहले इस पद पर पूर्व सरकार में डेजी ठाकुर अध्यक्ष पद पर थी। इनका तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका था।
पुलिस व संबंधित विभाग को भेजी जा रही शिकायतें
इन दिनों हिमाचल के विभिन्न जिलों से राज्य महिला आयोग को शिकायतें मिल रही है। लेकिन चेयरपर्सन न होने से अब ये सभी शिकायतें या तो सीधे पुलिस विभाग को फॉरवर्ड की जा रही है या जिस विभाग की शिकायत है उन्हें उसी विभाग में भेजा रहा है। महिला आयोग के चेयरपर्सन की नियुक्ति प्रदेश सरकार ही करती है। आम तौर पर सरकार में अच्छी साख रखने वाले लोगों को ही इस पद पर नामित किया जाता है। ऐसे में अब जल्द से जल्द इस पद पर नई नियुक्ति का इंतजार है।