हिमाचल प्रदेश में कामगार श्रमिकों व मजदूरों के हकों के लिए अब न तो धरना प्रदर्शन होगा न नारेबाजी और न ही चक्का जाम होगा, बल्कि सीधे तौर पर समस्याओं के निदान के लिए सरकार से वार्ता होगी। इसके लिए नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (NFITU) भारत सरकार से मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन ने हिमाचल प्रदेश में भी श्रमिकों के हितों के लिए कार्य करना शुरू कर दिया है। संगठन ने प्रदेश में श्रमिकों को किसी भी क्षेत्र में पेश आ रही परेशानियों का खाका बनाना भी शुरू कर दिया है।
पत्रकार वार्ता में विस्तार से जानकारी देते हुए नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि संगठन ने प्रदेश स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्तियां शुरू कर दी हैं जिस कड़ी में मंडी से प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने बताया कि नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन है। जो देश भर में मजदूरों कामगारों आदि की समस्याओं को उचित मंच पर सरकार के साथ वार्ता कर सुलझाने में विश्वास रखता है। यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक संगठन है जो अब हिमाचल प्रदेश में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाएगा।
दिनेश कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में मौजूदा समय में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर व रेहड़ी फहड़ी वाले बुरे दौर से गुजर रहे हैं। इन्हें इनका हक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को उचित न्यूनतम मानदेय भी नहीं मिल रहा है जिसके लिए आने वाले समय में सरकार के साथ वार्ता कर इन समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कुछ संगठन धरने प्रदर्शन चक्का जाम आदि कर अपनी मांगों को मनवाने का प्रयास करते हैं लेकिन यूनियन शांतिपूर्ण तरीके से सरकार के साथ सीधी वार्ता कर मसलों को हल करने में विश्वास रखती है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार होगा जिसके बाद फिर सभी जिलों में पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में श्रमिकों को पेश आने वाली समस्याओं के निदान के लिए रोड मैप तैयार कर लिया गया है।